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मीजल्स-रुबेला बीमारी से 2020 तक मुक्त होगा देश, जिले के 6 लाख 42 हजार बच्चों को मिलेगा टीकाकरण अभियान का लाभ

बिलासपुर। ताज़ाख़बर36गढ़:- बिलासपुर जिले में मीजल्स-रुबैला टीकाकरण अभियान अगस्त 2018 से शुरू किया जायेगा। अभियान की सफलता के लिए योजना, प्रबंधन, प्रचार-प्रसार की गतिविधियों के लिए मीडिया संवेदीकरण की एक दिवसीय कार्यशाला कलेक्ट्रेट सभाकक्ष मंथन में संपन्न हुई। जहां डाॅ.बी.बी.बोर्डे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. अविनाश खरे, टीकाकरण अधिकारी द्वारा बैठक में बताया गया कि डब्ल्यू.एच.ओ. दक्षिण पूर्ण एशिया क्षेत्र के 10 अन्य देशों के साथ भारत भी 2020 तक खसरें को खत्म करने और रुबैला/जन्मजात रुबैला, सिंड्रोम (सी.आर.एस.) को नियंत्रित करने संकल्प बद्ध है। जिसमे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से खसरा-रुबैला (एम.आर.) टीकाकरण अभियान चलाकर 9 माह से 15 वर्ष (10वीं) तक के समस्त बच्चों को टीकाकृत करने का निर्णय लिया है। इस अभियान का लक्ष्य लगभग 41 करोड़ बच्चों को शामिल करना है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कार्यशाला में बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में 43 लाख एवं बिलासपुर में लगभग 6 लाख 42 हजार बच्चों को टीकाकृत किया जायेगा। यह अभियान 6 अगस्त से प्रारंभ होकर 30 कार्यालयीन दिवसों में आयोजित किया जायेगा। रविवार एवं अन्य शासकीय अवकाशों पर तथा मंगलवार एवं शुक्रवार को नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के दौरान आयोजित नहीं होगा। अभियान की सफलता के लिए प्रत्येक जिले द्वारा शत-प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति अनिवार्य की गई है तथा अभियान पश्चात् कव्हरेज सर्वेक्षण में कम-से-कम 55 प्रतिशत उपलब्धि आवश्यक है।

मालूम हो कि मीजल्स (खसरा) एक ऐसा संक्रामक रोग है जो कि 5 वर्ष के बच्चों की मृत्यु का प्रमुख कारण है। अटीकाकृत गर्भवती महिला अगर गर्भावस्था के दौरान रुबैला वायरस से सक्रमित हो जाती है तो यह भ्रूण मृत्यु का कारण हो सकता है तथा स्वतः गर्भपात और गर्भदोष जैसे कि सी.आर.एस. ( Congenital Rubella Syndrome ) का कारण बन सकता है। श्री बोर्डे ने बताया कि आंकड़ों से पाया गया है कि मीजल्स-रुबैला की घटना 15 वर्ष तक के बच्चों में ज्यादा पाई जाती है साथ ही विश्व में खसरें से होने वाली समस्त मौतों की 36 प्रतिशत मौतें भारत में घटित होती है तथा रुबैला की घटनाओं के बोझ के कारण हमेशा देश में मीजल्स गैस रुबैला एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। भारत सन् 2020 तक खसरा उन्मूलन तथा सी.आर.एस. के नियंत्रण के लिए प्रतिबद्ध है इस अभियान में 9 माह से 15 वर्ष (कक्षा 10वीं) तक के समस्त बच्चों को लक्षित करते हुये राज्य व्यापी वृहद् टीकाकरण अभियान चलाया जायेगा। कुल लक्षित बच्चों का लगभग 75 प्रतिशत टाॅरगेट स्कूल जाने वाले बच्चों के आयु वर्ग का है। शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय कार्यकर्ता, स्कूल शिक्षक तथा अभिभावकों का सहयोग इस अभियान की सफलता के लिए काॅफी महत्वपूर्ण है। अभियान के दौरान समस्त बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्र, शिक्षा संस्थान – जैसे सरकारी/गैर सरकारी विद्यालय, मदरसा आदि में पहुँचकर खसरा-रुबैला (एम.आर.) का एक टीका दिया जायेगा। कार्यशाला में टीकाकरण अधिकारी डाॅ. अविनाश खरे ने मीजल्स और रुबेला टीकाकरण अभियान का प्रजेंटेशन भी दिया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग का विशेष सहयोग अपेक्षित होगा तथा इसके साथ ही अभियान के सफल संचालन हेतु सहयोगी संस्थाएँ जैसे- विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, आई.ए.पी., आई.एम.ए., लाॅयन्स इंटरनेशनल तथा यू.एन.डी.पी. का सहयोगी संस्था के रूप कार्यरत है।

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