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स्वास्थ्य

गले में टॉन्सिल के लक्षण पहचान तुरंत करें ये घरेलू उपचार

ताज़ाख़बर36गढ़:- गले में टॉन्सिल की समस्या लोगों में आम देखने को मिलती है। इस बीमारी में गले के अंदर दोनों तरफ मांस में गांठ बन जाती है। इसके कारण गले में सूजन, तेज दर्द और बोलने में परेशानी हो जाती है। इसके अलावा इससे खाने का स्वाद भी नहीं पता चलता। इंफेक्शन, बैक्टीरिया, गलत खान-पान या मौसम के बदलाव के कारण होने वाली इस समस्या को कारण आपको कब्ज की समस्या भी हो सकती है। कुछ लोग इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए दवाइयों का सेवन करते है लेकिन कुछ घरेलू तरीके अपनाकर आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आइए जानते है गले में टॉन्सिल की समस्या को दूर करने के कुछ घरेलू उपाय।
टॉन्सिल के कारण
आयोडीन की कमी
मौसम में बदलाव
ठंडी चीजें खाने पर
गलत खान-पान
इंफेक्शन या बैक्टीरिया के कारण
धूल-मिट्टी के कारण
खट्टी-मीठी चीजों का सेवन

टॉन्सिल के लक्षण
शरीर का उच्च ताप
सूखा बलगम
बुखार के साथ कंपकंपी
सांसों में बदबू
टॉन्सिल के उपाय
अंदर से गला लाल होना दर्द होना
आवाज का भारीपन
खान-पीन या निगलने में परेशानी
टॉन्सिल के घरेलू उपचार
1. काली मिर्च
इस समस्या को दूर करने के लिए काली मिर्च और तुलसी के पत्तों को उबाल कर गाढ़ा काढ़ा बना लें। रात को सोने से पहले इसे दूध में डालकर पीएं।

2. शहद और दालचीनी
एंटीबैक्टीरियल गुणों सो भरपूर दालचीनी पाउडर और शहद को मिलाकर दिन में 3 बार सेवन करें। उससे गले में टॉन्सिल की समस्या दूर हो जाएगी।

3. हल्दी
हल्दी, काला नमक और काली मिर्च में पानी डालकर उबाल लें। इसके बाद इस पानी से दिन में 2 बार गरारे करें। इससे आपकी समस्या कुछ दिनों में ही दूर हो जाएगी।

4. हर्बल चाय
ग्रीन टी में लौंग, इलायची और दालचीनी मिलाकर पीने से गले में जमे बैक्टीरिया और कीटाणु धीरे-धीरे मर जाते हैं, जिससे यह समस्या दूर हो जाती है। आप चाहें तो इसकी जगहें अदरक और शहद की चाय बनाकर भी पी सकते है।

5. दूध
दूध में 1/2 टीस्पून हल्दी डालकर उबाल लें। इसके बाद इसमें मिश्री या शक्कर मिलाकर रात को सोने से पीएं। इसका सेवन करने से आपकी यह समस्या 2-3 दिन में दूर हो जाएगी।

6. सिंघाड़ा
शरीर में आयरन की कमी से होने वाली टॉन्सिल की समस्या होने पर सिंघाड़े का सेवन करें। इससे यह समस्या दूर भी हो जाएगी और शरीर में आयरन की कमी भी पूरी हो जाएगी।

इन चीजों से करें परहेज
टॉन्सिल की समस्या होने पर आपको खट्टी-मीठी, तीखी और ठंडी चीजों का सेवन बंद कर देना चाहिए। इससे आपकी यह समस्या और भी बढ़ सकती है। इसके अलावा भोजन में अधिक तेल मसाले का प्रयोग न करें। ऐसे फलों और आहार से परहेज करें जिनकी तासीर ठंडी होती है जैसी कि अनानास, खुबानी, केला, संतरा, आड़ू, खरबूजा, पपीता और सेब। भोजन करने के बाद हमेशा 2-3 तुलसी की पत्तियों को साफ करके चबाएं।

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