बिलासपुर (ताज़ाख़बर36गढ़) कोटा से सकरी मार्ग के सरकार सड़क बनाने और चौड़ीकरन मे चार हजार पेड़ो कि बलि देने वाली थी जिससे कोटा सकरी मार्ग की हरियाली और सुन्दरता ख़त्म हो जाती। 21 किलोमीटर लम्बाई की कोटा सकरी सडक को बनाने मे सरकार 3896 पेड काटने वाली थी जिसके विरोध मे कांग्रेस नेता और पूर्व कुलसचिव शैलेश पाण्डेय ने नेशनल ग्रीन ट्रिबुनल मे यचिका दायर किया था और हजारो वृक्ष प्रेमी लोगो के साथ सडक से लेकर न्यायालय तक की लडाई लडी जिसमे उनकी जीत हुई।
सरकार पहले 18 मीटर की चौडी सडक बनाने वाली थी और ठेकेदार को अधिसूचना और इसके लिये वर्क ऑर्डर दिया था जिसमे 3896 पेड़ कटने थे लेकिन शैलेश और जनो के विरोध मे न्यायालय के दखल के बाद सरकार बैक फूट हुई और केवल 14 मीटर की चौडी सडक बनाने का प्रस्ताव कोर्ट को दिया। पहले 3896 पेड कटने थे बाद मे नये प्रस्ताव मे 2576 पेड काटने का प्रस्ताव दिया लेकिन तब तक सरकार ठेकेदार के माध्यम से 1632 पेड काट चुकी थी जबकी प्रकरण न्यायालय मे लम्बित था
जिसकी जानकारी शासन ने कोर्ट को दिया और नये प्रस्ताव के अनुसार 939 पेड और काटने है एसा शासन ने कोर्ट को बताया तब नेशनल ग्रीन ट्रिबूनल ने शासन को एसा करने से रोका और केवल 274 पेड और काटने की अनुमती दिया वो भी इस शर्त मे की ठेकेदार जितने पेड कटे है और काटने है उससे 10 गुना ज्यादा पेड यानि लगभग 20000 पेड लगाये और उसकी सुरक्षा और देखबाल करे जहां जहां पेड कटे है। लेकिन न्यायालय के आदेश के 3 महिने बाद भी बाद आज तक कोटा सकरी मार्ग मे न कोई भी पेड लगाने की पहल नही हुआ जिससे कोटा याचिका कर्ता और कोटा की जनता बहुत निराश और अक्रोशित है।
शैलेश पाण्डेय बोले लगातार पूरे प्रदेश मे विकास के नाम पर हरियाली को खतम किया जा रहा है और अन्धाधुंध पेड़ो कि कटाई किया गया जिसके कारण तापमान बहुत बढ़ा है और बिलासपुर का तापमान तो लगभग 50 डिग्री तक गया था। जिसके कारण उन्होने याचिका दायर की। कई सडक के अन्दोलन किये और पहले सरकार से गुहार लगाई जब कोई सुनवाई नही हुई। तब न्यायालय मे याचिका दायर किया तब सरकार को होश आया और सरकार बैक फूट मे आयी और हड़बड़ी मे नया प्रस्ताव न्यायालय को दिया जिसमे लगभग 1300 पेड कम काटने को कहा लेकिन तबतक 1632 पेड ठेकेदार काट चुका था
जिसको कोर्ट ने रोका और हरियाली बचाने को शासन को निर्देशित किया लगभग 2000 पेड़ो को कटने से बचाया और 10 गुना पेड लागने और उनकी देख रेख करने को कहा। शैलेश पाण्डेय का कहना है कि न्यायालय के आदेश का पालन नही करने पर वह ठेकेदार और शासन को अवमानना का केस करने वाले है जिसके कारन दोषी सरकार के अधिकारी और ठेकेदार को सजा भुगतनी पड़ सकती है।