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बिलासपुर

भाजपा से बेलतरा विधानसभा की दावेदारी कर रहे युवा नेता सुशांत शुक्ला से ताजाखबर36गढ़.कॉम से खास बातचीत…

बिलासपुर-(ताज़ाख़बर36गढ़) भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सुशांत शुक्ला का कहना है कि वे वायदे नहीं करते… इरादे लेकर चलते हैं। बेलतरा विधानसभा से वे दावेदारी कर रहे हैं। इसके पीछे कई कारण हैं। वे बेलतरा विधानसभा की तस्वीर बदलना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने 16 सूत्रीय संकल्प पत्र बनाया है। वे बोलने में नहीं, करने में विश्वास रखते हैं। इसलिए यदि भाजपा का टिकट मिलता है तो बेलतरा की जनता उन्हें जरूर स्वीकार करेगी। उनका कहना है कि वे उस दौर के भाजपा का कार्यकर्ता हैं, जब यहां आतंक और भ्रष्टाचार की सरकार थी। उस समय सबसे प्रताड़ित युवा नेताओं में उनकी गिनती भी होती थी। युवा नेता शुक्ला ने ताजाखबर36गढ़.कॉम से खास बातचीत की।

पेश हैं मुख्य अंश

सवाल: आगामी विधानसभा चुनाव में बेलतरा सीट में नए चेहरे की तलाश है। काफी दावेदार सामने आ रहे हैं। इनमें आप भी हैं। आप किस कारण से दावेदारी कर रहे हैं?

जवाब:- भाजपा के लगातार कार्यकर्ता होने के नाते। पारिवारिक पृष्ठभूमि में राजनीतिक और सामाजिक रूप से काम करने का मौका मिला है। निर्वाचित जनप्रतिनिधि होकर लोकतांत्रिक व्यवस्था का हिस्सा बनूं। इस कारण से।

सवाल: बेलतरा विधानसभा में आपके द्वारा किए गए कुछ कार्य बताइए, जिससे वहां की तस्वीर बदली है?

जवाब:- दो चीजें हैं। मैंने गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी से छात्र राजनीति से शुरुआत की है। यूनिवर्सिटी में एक संघ है। वह संघ मेरे द्वारा खड़ा किया गया था, जो आज भी काम कर रहा है। यह संघ गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी की व्यवस्था में बदलाव लाया है। साथ ही साथ बेलतरा विधानसभा की व्यावहारिक व्यवस्था को समझने की जरूरत है। सात वार्ड नगर निगम सीमा के शामिल हैं। बिल्हा जनपद पंचायत की 64 ग्राम पंचायत और छह ग्राम पंचायत कोटा जनपद की शामिल हैं। इस विधानसभा का स्वरूप आधा शहरी और आधा ग्रामीण है। 2008 में जब परिसीमन के बाद विधानसभा का स्वरूप सामने आया तो एक लाख 10 हजार की आबादी 2 लाख से अधिक हो गई। शहरी क्षेत्र में मेरे परिवार का कार्यक्षेत्र व्यापक है। उपलब्धियों की बात तो मैं नहीं कह सकता। मेरे आराध्य पंडित बद्रीधर दीवान लगातार 15 साल से विधायक हैं और उपलब्धियों की बात आएगी तो वहां पर भाजपा की उपलब्धियां व्यापक हैं। इसी विषय को मैं आगे लेकर जाना चाहता हूं।

सवाल: यदि आपको टिकट दिया जाता है तो वहां की जनता आपको क्यों स्वीकार करेगी?

जवाब:- मैं वायदे नहीं करता… इरादे लेकर निकलता हूं… मैंने अपना एक संकल्प पत्र बनाया है। यदि मुझे भाजपा का प्रत्याशी बनाया जाता है तो मैं अपनी निजी हस्तक्षेप से 16 सूत्रीय मांगों को पूरा कराऊंगा। जिसमें से सिटी बस का संचालन बेलतरा विधानसभा के प्रमुख मार्गों में हो, हर ग्राम पंचायत में एलईडी लाइट की स्थापना, वाटर कूलर की स्थापना, पानी का अपव्यय न हो, इसलिए टंकियों का निर्माण, आंतरिक नई पाइप लाइन का निर्माण, बसस्टॉप का निर्माण। ऐसे कुछ काम है, जो मुझे निजी रूप से करने हैं। वहां विद्युत की व्यवस्था गड़बड़ है। इसका कारण कम क्षमता के ट्रांसफार्मर हैं। यही वजह है कि गांवों में आए दिन लाइट गुल होती रहती है। सड़कों के निर्माण तो हुए हैं, लेकिन गांव के अंदर सड़क नहीं है। इन विषयों को लेकर मैं जाना चाहता हूं। मैं बोलने में नहीं, करने में विश्वास रखता हूं। इसलिए मैं समझता हूं कि जनता मुझे स्वीकार करेगी।

सवाल: हाल में कुछ सर्वे सामने आए हैं, जिसके अनुसार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन रही है। ऐसे में आप टिकट लेकर खुदकुशी क्यों करना चाह रहे हैं?

जवाब:- मैं उस दौर के भाजपा का कार्यकर्ता हूं, जब यहां पर भ्रष्टाचार और आतंक का बोलबाला था। उस समय छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी का राज था। उस समय सबसे प्रताड़ित युवा नेताओं में मेरी गिनती होती थी। मैं स्व. दिलीप सिंह जूदेव की सानिध्य में राजनीति में आया हूं। खुदकुशी की बात मुझ पर नहीं बनती। मैं मनोबल पर विश्वास रखता हूं।

सवाल: बेलतरा में अनिल टाह जनता कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। वे कितने प्रभाव डालेंगे?

जवाब:- वे पिछले तीन चुनाव बिलासपुर शहर से लड़े हैं। निर्दलीय की व्यवस्था से भी लड़ चुके हैं और पार्टी की व्यवस्था से भी। उनका आंतरिक मूल्यांकन बिलासपुर की जनता से करके दे दिया है। जब वे 2003 में चुनाव लड़े थे, तब अविभाजित बिलासपुर विधानसभा थी, जिसमें आधा बेलतरा का हिस्सा है। उस समय यहां की जनता उन्हें नकार चुकी है। आज तो 15 साल बाद… कम से कम तीन जनरेशन का गेप आ चुका है। मुझे ऐसा लगता है कि अनिल टाह जी अपना भविष्य संभाल लें। आर्थिक रूप से अपनी स्थिति संभाल लें। नहीं तो पैसों से उतरेंगे और सामाजिक व राजनीतिक के रूप से भी।

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