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सुप्रीम कोर्ट

जानिए, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश रंजन गोगोई के बारे में

(ताज़ाख़बर36गढ़) चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश रंजन गोगोई को देश का नया प्रधान न्यायाधीश नियुक्त करने की केन्द् सरकार से सिफारिश की है। वर्तमान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा 2 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश को 3 अक्टूबर को शपथ दिलाई जाएगी। असम के रहने वाले जस्टिस गोगोई के नाम पर अगर मुहर लगती है, तो वह पूर्वोत्तर भारत से देश के पहले चीफ जस्टिस होंगे।

जस्टिस गोगोई असम में अवैध प्रवासियों को बाहर करने के लिए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स अपडेट करने की प्रक्रिया की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। जस्टिस गोगोई ने अपने करियर की शुरुआत 1978 में गुवाहाटी हाई कोर्ट में एडवोकेट के तौर पर की थी। उन्हें 28 फरवरी 2००1 को गुवाहाटी हाई कोर्ट में जस्टिस बनाया गया था। इसके बाद 12 फरवरी, 2०11 को उन्हें पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। वह इस पद पर एक साल रहे और अप्रैल 2०12 में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय में लाया गया।

वर्ष 2०16 में जस्टिस गोगोई उस समय सुर्खियों में आये थे जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज मार्कंडेय काटजू को अवमानना का नोटिस भेजा था। जस्टिस काटजू ने अपने एक फेसबुक पोस्ट में सौम्या रेप और मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट द्बारा दिए गए फैसले की आलोचना की थी। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को रेप का दोषी करार दिया थी, लेकिन हत्या का नहीं। इस मामले का फैसला जस्टिस गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिया था। अवमानना नोटिस के बाद जस्टिस काटजू सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे और उन्होंने फेसबुक पोस्ट के लिए माफी मांगी। इसके बाद यह मामला खत्म हो गया था।

पिछले साल सुप्रीम कोर्ट की प्रणाली पर सवाल उठाने वाले जजों में जस्टिस गोगोई भी शामिल थे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के प्रशासन और न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर सवाल उठाया था। जस्टिस गोगोई के इस कदम को कानून के क्षेत्र में काफी साहसिक कदम माना गया था। इसके बाद यह अटकलें लगने लगी थीं कि वह चीफ जस्टिस बन पाएंगे या नहीं।

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