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भुगतान विवाद होने की सूरत में अब मरीज या शव को रोक नहीं सकेंगे अस्पताल


(ताज़ाख़बर36गढ़) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मरीजों के अधिकारों पर एक चार्टर जारी किया है और अगर वह प्रभावी हो जाता है तो अस्पताल के साथ भुगतान विवाद होने की सूरत में मरीज को अस्पताल में रोककर रखने अथवा मरीज का शव परिजनों को सौंपने से इंकार करना शीघ्र ही अपराध की श्रेणी में आ जाएगा. मरीज चार्टर के मसौदे के अनुसार अस्पताल भुगतान को लेकर विवाद जैसे प्रक्रियात्मक आधार पर किसी मरीज को रोककर नहीं रख सकता और उसे अस्पताल से छुट्टी देने से इंकार नहीं कर सकता.

इसमें कहा गया है कि यह अस्पताल की जिम्मेदारी है कि वह अस्पताल में इलाज कराने वाले किसी मरीज को गलत तरीके से नहीं रोके अथवा उसका शव देने से इंकार नहीं करे. संयुक्त सचिव सुधीर कुमार की ओर से जारी नोटिस के अनुसार मंत्रालय राज्य सरकारों के माध्यम से इस चार्टर को लागू कराना चाहता है. इसे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने तैयार किया है.

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