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सुप्रीम कोर्ट

पति पत्नी ने एक-दूसरे पर करवाए 67 केस, सुप्रीम कोर्ट ने नए मुकदमे पर लगाई रोक


(ताज़ाख़बर36गढ़) सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में बेंगलुरु के एक दंपति को एक-दूसरे के खिलाफ कोई भी नया मुकदमा दर्ज कराने से रोक दिया है। ये दोनों एक-दूसरे से इतने नाराज हैं कि इन्होंने आपसी कलह के चलते पिछले सात सालों में 67 मुकदमे दर्ज करवाए हैं।जस्टिस कुरियन जोसेफ की पीठ ने आदेश में कहा, ‘हमने दोनों को लंबित विवादों में कोई नया मुकदमा दायर करने से रोक दिया है। चाहें यह याचिका एक-दूसरे के खिलाफ हो, परिवार, वकील, उनके बच्चे के स्कूल या कोई अन्य पक्ष हो, वे नया केस नहीं दर्ज कर पाएंगे।’ कोर्ट ने कहा ये आपराधिक मामला हो या फिर दीवानी, जब तक हाईकोर्ट की अनुमति नहीं होगी, वे ऐसा नहीं कर सकेंगे।  

दंपति का विवाह 2002 में हुआ था, जिसके बाद वे अमेरिका चले गए। वर्ष 2009 में उनके एक बेटा हुआ। जब उनके संबंध खराब हुए तो एमबीए पत्नी बेंगलुरु में अपने माता-पिता के घर वापस आ गई। इसके बाद एक-दूसरे के खिलाफ केस दर्ज कराने का सिलसिला शुरू हुआ। पति सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और उसके पास अमेरिकी नागरिकता है। वह पत्नी के खिलाफ 58 केस दर्ज करा चुका है। दूसरी तरफ पत्नी ने उसके खिलाफ नौ केस दर्ज कराए हैं, जो अब बेंगलुरु में रहती है। इन मामलों में घरेलू हिंसा से लेकर अदालत की अवमानना तक के केस शामिल हैं। 

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आदेश जारी करते समय अपनी व्यथा इन शब्दों में ज़ाहिर की, ‘कमजोर कड़ी वह मासूम बच्चा है, जो सिर्फ नौ साल का है और वह मानसिक और भावनात्मक रूप से सहमा हुआ है।’ पीठ ने दंपति को उस स्कूल में जाने से भी रोक दिया जहां बच्चा पढ़ रहा है। कोर्ट ने कहा कि यह दंपति स्कूल अधिकारियों के लिए भी चुनौती बन चुका है। वे खुद अपने बच्चे के लिए निराशा और दुर्भावना का कारण बन चुके हैं।

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