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सुप्रीम कोर्ट

राफेल पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा- ‘कैसे किया सौदा, सीलबंद लिफाफे में सौंपें रिपोर्ट


भारत और फ्रांस के बीच हुए राफेल सौदे के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में दायर की गई याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने केंद्र सरकार से राफेल पर फैसले की प्रक्रिया का ब्योरा सीलबंद लिफाफे में सौंपने को कहा है। इसके लिए अदालत ने केंद्र को 29 अक्टूबर तक का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।

बता दें कि अधिवक्ता विनीत धांडा, कांग्रेस नेता और आरटीआई कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला और अन्य की ओर से कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है, जिसपर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ की पीठ ने सुनवाई की। इन याचिकाओं के जरिए राफेल सौदे पर रोक लगाने के लिए कहा गया था। उन्होंने अपनी अर्जी में फ्रांस के साथ लड़ाकू विमान सौदे में विसंगतियों का आरोप लगाते हुए उसपर रोक लगाने की मांग की थी।

बता दें कि राफेल मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने की कोशिश कर रही हैं। इस मामले पर पीएम द्वारा साधी गई चुप्पी पर राहुल गांधी सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेस का आरोप है कि पीएम मोदी ने फ्रांस की सरकार से 36 लड़ाकू विमान खरीदने का जो सौदा किया है उसका मूल्य यूपीए कार्यकाल में किए गए सौदे की तुलना में अधिक है। जिसकी वजह से सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। पार्टी का दावा है कि पीएम मोदी ने इस सौदे को बदलवाया और ठेका एचएएल से लेकर रिलायंस डिफेंस को दे दिया

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