राफेल डील को लेकर जिस तरह से रिलायंस पर तरह-तरह के आरोप लग रहे हैं उसके बाद अब अनिल अंबानी ने आरपार की लड़ाई का मूड बना लिया है। पहले अंबानी की ओर से कांग्रेस के अखबर नेशनल हेराल्ड के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। लेकिन अब अनिल अंबानी की कंपनी ने 15 राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, स्थानीय मीडिया हाउस और पत्रकारों को नोटिस भेजा हा। इस नोटिस में कहा गया है कि राफेल डील को लेकर जो लेख छापे गए हैं वह पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।
इस बार 10000 करोड़ की मानहानि का दावा
अनिल अंबानी की ओर से दायर केस में इस बार 5000-10000 करोड़ की मानहानि का दावा किया गया है। सूत्रों की मानें तो अनिल अंबानी की कंपनी ने अगस्त माह में पत्रकारों और नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने की शुरुआत कर दी थी। आखिरी बार कंपनी ने 11 अक्टूबर को इस मामले में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को होगी। यह तमाम मामले रिलायंस डिफेंस, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस एरोस्ट्रक्चर की ओर से दायर किए गए हैं।
5000 करोड़ का मानहानि का दावा
याचिका में कहा गया है कि तमाम न्यूज ऑर्टिकल में पत्रकारों ने जो तथ्य लिखे हैं और आरोप लगाए है वह गुमराह करने वाले हैं और लोोगं में यह भरोसा बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि इस डील के लिए सरकार के साथ किसी तरह की डील की गई है। कंपनी की ओर से सबसे पहले मानहानि का केस कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। सिंघवी के खिलाफ 5000 करोड़ रुपए का मामला दर्ज किया गया था।
मीडियापार्ट ने लगाया था आरोप
गौरतलब है कि फ्रांस के इंवेस्टिगेटिव जरनल मीडियापार्ट ने दावा किया था कि उसके पास राफेल डील से जुड़े दसॉल्ट एवीएशन के कुछ अहम दस्तावेज हैं। इनके मुताबिक राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट के लिए इस डील को करने के लिए रिलायंस को इसका साझेदारी जरूरी थी। एनडीटीवी के मुताबिक, ये मीडियापार्ट की रिपोर्ट कहती है कि कंपनी के सामने ये शर्त थी कि भारत को 36 राफेल बेचने के लिए उसे अनिल अंबानी की कंपनी को इसमें शामिल करना ही होगा।