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बिलासपुर

बेलतरा: भाजपा की बगावत सड़क पर आई सामने… सुशांत को चुनाव लड़ाने युवा नेता करते रहे लाबिंग… ब्राह्मण प्रत्याशी नहीं उतारने से क्षेत्र में आक्रोश…


बिलासपुर/ बेलतरा विधानसभा से भाजपा जिलाध्यक्ष रजनीश सिंह को टिकट मिलने के बाद अब पार्टी में खुले रूप से बगावत शुरू हो गई है। क्षेत्र के सैकड़ों भाजपाई कार्यकर्ताओं ने युवा नेता सुशांत शुक्ला के लिए लाबिंग शुरू कर दी है। उनके सीपत चौक स्थित कार्यालय पहुंचकर कार्यकर्ताओं ने सुशांत को स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की मांग की। इस दौरान उन्होंने उनके समर्थन में जमकर नारे तक लगाए।

भाजपा ने जिले की छह विधानसभा सीट बिलासपुर, बिल्हा, मस्तूरी, मरवाही, तखतपुर और बेलतरा के उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। भाजपा ने इस बार बेलतरा से नया चेहरा भाजपा जिलाध्यक्ष रजनीश सिंह पर दांव खेला है। हालांकि इस विधानसभा से टिकट के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त थी। इनमें विधानसभा उपाध्यक्ष बद्रीधर दीवान के पुत्र विजयधर दीवान, बिल्हा के जनपद उपाध्यक्ष विक्रम सिंह, रजनीश सिंह, युवा नेता सुशांत शुक्ला, प्रफुल्ल शर्मा, प्रवीण दुबे आदि शामिल थे। टिकट रजनीश सिंह की झोली में गिरा। टिकट की घोषणा के बाद से अंदरूनी तौर पर उनका विरोध शुरू हो गया था। अब यह विरोध सड़क पर आ गया है। बीते शनिवार को बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के करीब 500 युवा कार्यकर्ता

सीपत चौक स्थित बेलतरा से प्रबल दावेदारी कर रहे भाजयुमो के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य और आंध्रप्रदेश भाजयुमो प्रभारी सुशांत शुक्ला के कार्यालय में उनसे भेंट करने पहुंचे थे। इस दौरान युवा कार्यकर्ताओं ने उनके समर्थन में एक स्वर में नारेबाजी करते हुए शुक्ला से स्वतंत्र चुनाव लड़ने की मांग की। हालांकि कार्यालय पहुंचने के बाद कार्यकर्ताओं को पता चला कि शुक्ला अभी प्रदेश में मौजूद नहीं हैं और वे आंध्रप्रदेश में हो रहे भाजयुमो के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने के लिए गए हुए हैं। इसके कारण उनकी मुलाकात नहीं हो पाई।

कार्यकर्ताओं ने कहा- तन, मन और धन से काम करेंगे

कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे सभी अपनी मांग पर अडिग हैं और वे सभी चाहते हैं कि शुक्ला उनका प्रतिनिधित्व करें और स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरें। हम सभी कार्यकर्ता तन, मन, धन से उनका सहयोग करेंगे और विजय पताका लहराएंगे। युवा नेताओं का कहना था कि बेलतरा विधानसभा से शुक्ला की सबसे प्रबल दावेदारी होने के बावजूद उन्हें दरकिनार करते हुए भाजपा की ओर से विधानसभा प्रत्याशी नहीं बनाया गया है। विधानसभा क्षेत्र से आए हुए कार्यकर्ताओं को कार्यालयीन स्टाफ ने फोन से शुक्ला से संपर्क कराया, जिसके बाद शुक्ला ने सभी कार्यकर्ताओं को समझाइश देते हुए कहा कि इतने कम समय मे बेलतरावासियों से जो प्यार और सम्मान मिला, उसका जीवनभर ऋणी रहेंगे और हम सभी भारतीय जनता पार्टी के जिम्मेदार, अनुशासित सिपाही हैं। सभी को मिलकर पार्टी के पक्ष में काम करना और विजयश्री दिलाना है। आप सभी क्षेत्र में लौट जाएं और जी-जान से पार्टी को जिताने के लिए कार्य करें। मेरा संघर्ष बेलतरा विधानसभा के लोगों के लिए निरंतर जारी रहेगा। इसके पश्चात समस्त कार्यकर्ता संकल्पित होकर लौट गए।

पर्दे के पीछे का खेल तो नहीं

युवा नेता सुशांत शुक्ला के प्रदेश से बाहर रहने और इस बीच 500 से अधिक कार्यकर्ताओं का उनके कार्यालय में आने को लेकर राजनीतिक गलियारों में अलग ही चर्चा छिड़ गई है। कहा जा रहा है कि पर्दे के पीछे से सुशांत शुक्ला ने स्वयं के टिकट के लिए युवा नेताओं को आगे कर दिया है। बगावत में उनका नाम न आए, इसलिए उन्होंने इसी समय को चुना, जब वे बाहर हैं। राजनीतिक पंडित कह रहे हैं कि इससे उन्हें दो तरह के फायदे होंगे। पहला यह कि युवा नेताओं के विरोध के फलस्वरूप यदि उन्हें टिकट मिल गया तो विधानसभा पहुंचने का पहला चरण पार हो जाएगा। दूसरा यह कि उन्होंने खुद कार्यकर्ताओं को समझाइश देकर लौटाया और भाजपा के लिए ही काम करने के लिए प्रेरित किया। इससे पार्टी में उनका कद बढ़ जाएगा।

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