बिलासपुर/ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने का दावा करते हुए कहा कि एक बार फिर प्रदेश में विधायकों की खरीद-फरोख्त करने के लिए धनपशु सक्रिय हो गए हैं। इन लोगों ने पहले अंतागढ़ में विधायक खरीदा, फिर तानाखार में। अब नए विधायकों को गोवा की तर्ज पर खरीदने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए इन लोगों ने कांग्रेस प्रत्याशियों और उनके रिश्तेदारों के मोबाइल को सर्विलेंस में रख लिया है। यह पता किया जा रहा है कि वो कहां जा रहे हैं। किससे क्या बातें कर रहे हैं।
गुरुवार को कांग्रेस भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए बघेल ने कहा कि वे चुनाव आयोग से मांग करते हैं कि जो सर्विलेंस नक्सली उन्मूलन के लिए लाए गए थे, उसे अपने अधीन में ले लें, क्योंकि प्रदेश की रमन सरकार सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर उसका राजनीतिक लाभ ले रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव संपन्न होने के बाद कांग्रेस लगातार ईवीएम में छेड़छाड़ की शिकायत राज्य निर्वाचन आयोग और राष्ट्रीय चुनाव आयोग से करती आ रही है, लेकिन शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसलिए कांग्रेस की ओर से गुरुवार को वीवीपेट से मतगणना कराने की मांग को लेकर याचिका लगाई गई है, जिस पर 10 दिसंबर को सुनवाई होगी।
कांग्रेस डरी हुई नहीं, हम संघर्ष से न डरते हैं और न ही मौत से
बघेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा के लोग किसी भी स्तर तक जा सकते हैं। बुलंदशहर की तरह हत्या भी करा सकते हैं। ऐसे मामलों से कांग्रेस डरी हुई है… सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आपने पांच साल तक हमारा संघर्ष देखा है। कांग्रेस न संघर्ष से डरती है और न ही मौत से।
नान घोटाले के चालान में सीएम और मैडम का नाम गायब
पीसीसी चेयरमैन बघेल ने कहा कि प्रदेश में 2015 में नान घोटाला हुआ था। आज 2018 चल रहा है। तीन साल में कल जाकर नान घोटाले का चालान पेश किया गया है। भाजपा यह जान गई है कि प्रदेश में अब उनकी सरकार नहीं आ रही है। इसलिए चालान में सीएम और मैडम का नाम दर्ज नहीं किया गया है, जबकि डायरी में दोनों के नाम हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार आएगी तो इस मामले की फिर से जांच कराई जाएगी। इसके लिए एसआईटी बनाई जाएगी। किसी भी नहीं बख्शा जाएगा।
कई स्ट्रांग रूम में लाइट नहीं
उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसी कई सूचनाएं आ रही हैं कि प्रदेश के कई स्ट्रांग रूम में लाइट नहीं है। सीसीटीवी कैमरा चालू नहीं है। यह सब ईवीएम में गड़बड़ी करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि धमतरी के स्ट्रांग रूम में एक तहसीलदार, दो पटवारी और एक इलेक्ट्रीशियन घंटों रहते हैं। इस दौरान उन्होंने क्या किया, इसका जवाब नहीं है किसी के पास।
एआरओ नहीं तो कौन करेगा मिलान
मतगणना के दौरान एआरओ नियुक्त नहीं करने के मामले को लेकर पीसीसी चेयरमैन बघेल ने चुनाव आयोग पर संदेह जताया। उनका कहना था कि एआरओ टेबल से एक राउंट की गिनती का कलेक्शन करता है और उसका मिलान कराता है। जब एआरओ ही नहीं होंगे तो यह काम कौन करेगा।
वीवीपैट से गिनती कराने में भाजपा क्यों नहीं है तैयार
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाह रही है कि 50 प्रतिशत गिनती ईवीएम से और इतनी ही फीसदी गिनती वीवीपैट से हो, लेकिन इस मुद्दे पर भाजपा क्यों मौन है। उनका कहना है कि एक राउंट की गिनती पूरी होने के बाद ही दूसरे राउंट की गिनती होनी चाहिए, लेकिन इस मामले में भी भाजपा के लोग चुप हैं।
अतिरिक्त ईवीएम को पहले करें सील
बघेल ने ईवीएम में छेड़छाड़ की आशंका जताते हुए कहा कि सील ईवीएम और अतिरिक्त ईवीएम को एक ही जगह पर रखा गया है। इसे अलग-अलग क्यों नहीं रखा गया। वे शुरू से ही मांग करते आ रहे हैं कि अतिरिक्त ईवीएम को पहले सील कर दिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। जितनी भी सील मशीनें हैं, उसे मतगणना स्थल तक सुरक्षित ले जाने की व्यवस्था की जाए।
कार्यकर्ताओं को नहीं पता, कितनी बार गए जेल
पीसीसी चीफ ने कहा कि कांग्रेस ने नसबंदी कांड के बाद से कानन पेंडारी से पदयात्रा की शुरुआत की थी। पदयात्रा 2018 तक की गई। इस दौरान किसानों के आंदोलन की भी शुरुआत हुई। हमने राशन कार्ड को लेकर लड़ाई लड़ी। आम जनता के मुद्दों को लेकर प्रदेशभर धरना-आंदोलन किए। हमारे कार्यकर्ताओं को भी नहीं मालूम होगा कि वे कितने आंदोलन में शामिल हुए और कितनी बार जेल गए। आम जनता की लड़ाई हमने संगठन के माध्यम से लड़ा है। पहली बार महसूस किए होंगे कि कांग्रेस के कार्यकर्ता हर बूथ में बैठे थे।