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26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण करने नगर विधायक नही, रश्मि को मिला मौका…मेरा नही बिलासपुर की जनता का अपमान…शैलेष…

बिलासपुर। राज्य शासन ने 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालयों में ध्वजारोहण करने के लिए जिन विधायकों व मंत्रियों की सूची जारी की गई है उसमें बिलासपुर जिला मुख्यालय के विधायक शैलेष पांडेय का नाम गायब है।

जिला मुख्यालय में उनकी जगह तखतपुर विधानसभा क्षेत्र की विधायक रश्मि सिंह के नाम को शामिल किया गया है। सियासी तौर पर इस अपमान से भीतर ही भीतर बिफरे पर बाहर से बेहद शांत दिख रहे नगर विधायक पांडेय ने गेंद शहर की जनता के पाले में डाल दिया है। सही गलत के फैसले का निर्णय लेने की जिम्मेदारी शहर के मतदाताओं को दे दिया है। विधायक पांडेय का कहना है कि यह मेरा नहीं बिलासपुर की जनता का अपमान है। यह तो जनता जनार्दन को सोचना है कि वे इस निर्णय को किस नजरिए से देखती है। बहरहाल उन्होंने पूरी घटना की जानकारी कांग्रेस हाईकमान तक पहुंचाने की बात कही है।

राज्य शासन द्वारा 26 जनवरी को ध्वजारोहण के लिए जारी विधायकों व मंत्रियों की सूची के बाद जिले के साथ ही जिला मुख्यालय की राजनीति गरमा गई है। सीएम के कार्यक्रम से लेकर पार्टी के कार्यक्रम के दौरान सीएम के करीबी धड़े के इशारे पर लगातार उनका अपमान किया जा रहा है। अपमानित होने के बाद भी विधायक पांडेय बेहद शालीनता के साथ कांग्रेस के अलावा मंत्रियों के कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं और प्रोटोकॉल का लगातार ख्याल रख रहे हैं। टिकट वितरण के बाद उपजी सियासी कटुता उनके चुनाव जीतने के बाद अब खुलकर सामने आ गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेहद करीबी माने जाने वाले एक दिग्गज पदाधिकारी और समर्थकों द्वारा विधायक पांडेय को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने का कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

ध्वजारोहण के लिए शासन द्वारा जारी वीआईपी की सूची से विधायक पांडेय के नाम को गायब करने के बाद यह लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई है। चर्चा तो इस बात की भी होने लगी है कि शहर विधानसभा क्षेत्र की इस राजनीतिक लड़ाई में प्रदेश नेतृत्व की सहमति भी तो नहीं बन रही है। बहरहाल जैसे ही राज्य शासन से सूची सोशल मीडिया के जरिए वायरल हुई, शहर में चर्चा के साथ ही अटकलबाजी का दौर भी शुरू हो गया है।

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