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पुलवामा आंतकी हमला: क्या PAK के खिलाफ बड़ा एक्शन लेगी सरकार? रक्षा मंत्री और सेना प्रमुखों की बैठक आज

पुलवामा आतंकी हमले के बाद उपजी सुरक्षा चुनौतियों को लेकर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और तीनों सेनाओं के प्रमुख सोमवार को 42 देशों में तैनात भारत के डिफेंस अटैची के साथ अहम बैठक करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि डिफेंस अटैची विदेश में भारतीय दूतावास से जुड़े वे अधिकारी होते हैं, जो रक्षा से जुड़े मामलों को देखते हैं। ये सिर्फ उन्हीं देशों में होते हैं जिनसे हमारे सैन्य रिश्ते हैं।

यह दो दिवसीय बैठक ऐसे समय हो रही है जब पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सुरक्षा बलों को इस हमले का जवाब देने के लिए खुली छूट दे दी गई है।

एक सैन्य अधिकारी ने बताया, बैठक में पाकिस्तान सीमा पर हालात समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके अलावा, सरकार कुछ अहम सुरक्षा चुनौतियों को लेकर डिफेंस अटैची से प्रतिक्रिया लेगी। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में तैनात भारत के डिफेंस अटैची भी इस बैठक में शिरकत करेंगे। बैठक में भारत-चीन सीमा की स्थिति के साथ-साथ भारत के पड़ोस से जुड़े भू-रणनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा संभव है।

2014 से पहले के मुकाबले आतंकवाद की कम घटनाएं हुईं: सीतारमण

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि पुलवामा आतंकी हमला नहीं होना चाहिए था जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए। लेकिन कई हमलों को विफल करने के सरकार के प्रयासों का परिणाम यह हुआ कि 2014 से पहले की तुलना में पिछले पांच साल में बहुत कम आतंकी घटनाएं हुई हैं।

रक्षा मंत्री ने यह बात ‘द थिंकर्स फोरम’ की ओर से आयोजित एक संवाद कार्यक्रम में एक प्रतिभागी के सवाल के जवाब में कही। प्रतिभागी ने पूछा था कि क्यों भारत पुलवामा आतंकी हमले पर उस तरह से जवाब नहीं दे सकता जैसा अमेरिका ने तब दिया जब वह ओसामा बिन लादेन का पीछा करते हुए पाकिस्तान गया। सीमारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हवाला देते हुए कहा कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। जो इस हमले के लिए सीधे या परोक्ष रूप से जिम्मेदार हैं उन्हें भारी कीमत चुकानी होगी।

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