छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने की घोषणा…एक मार्च से दिलाया जाएगा चिटफंड ठगी का पैसा…रायपुर-बिलासपुर रोड़ पर बोलें सीएम…
रायपुर/ विधानसभा में विनियोग विधेयक ध्वनिमत से पारित हुआ। विधेयक पर चर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा की कि चिटफंड कंपनियों के ठगी के शिकार लोगों का पैसा एक मार्च से दिलाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने विधायकों की जनसंपर्क निधि को तीन लाख से बढ़ाकर दस लाख करने की घोषणा की।
विधानसभा में मुख्यमंत्री ने अफसरों से दो टूक कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि के सम्मान में कमी नहीं की जाए। सत्ता पक्ष हो या विपक्ष का विधायक, सब चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं। झीरम कांड की एसआइटी पर मुख्यमंत्री ने कहा कि झीरम घाटी केवल भावनात्मक नहीं, ये न्याय की बात है। एनआईए की खुद की फाइंडिंग में 50 से अधिक जगहों पर षड्यंत्र का जिक्र है। हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम उन तथ्यों तक जाए, इसलिए जांच को आगे ले जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आपके नेता ने विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए रोजगार मेला में कंपनी का उद्घाटन किया था। पैसा लूटकर कम्पनी वाले जाए और जेल बेचारे एजेंटों को भेजा गया। ऐसे एजेंट के खिलाफ आपराधिक मामले वापस लेंगे।
बघेल ने कहा कि मैं तो मंत्रालय में चिटफंड कम्पनी की फाइल ढूंढता रहा, लेकिन इसे लेकर कोई फाइल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की सहमति के बाद भी एनआइए जांच शुरू की गई। राज्य सरकार ने एनआइए को मामला भेजा था, यह कोई केंद्र सरकार का मामला नहीं है। एनआईए ने फाइनल रिपोर्ट सौंप दी है। न्यायिक जांच आयोग में षड़यंत्र की जांच को शामिल नहीं किया गया है।
एनआईए ने पहली एफआइआर में गणपति और एक नक्सली का नाम लिया था, जिसे बाद में हटा दिया गया। आत्मसमर्पण करने वाले गुडसा उसेंडी से भी पूछताछ करनी थी। एनआइए ने खुद स्वीकारा है कि गवाहों से भी पूछताछ नहीं हुई है। एनआइए जब जांच पूरी नहीं कर रही है, तो राज्य सरकार को जांच तो करना ही होगा।
आठ किलोमीटर हर साल बनाते तो बन जाती रायपुर-बिलासपुर रोड
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिलासपुर और रायपुर की दूरी 120 किलोमीटर है। हर साल आठ किलोमीटर भी बनाते तो अब तक बन गया होता। 2006 में केन्द्र सरकार ने सड़क की स्वीकृति मिली, 2016 तक भूमिपूजन नहीं कर सके और हमसे उम्मीद कर रहे है ढाई महीने में हम सब सब कुछ कर दें।