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बिलासपुर: माडर्न एजुकेशन एकेडमी सरकंडा में फीस वृद्धि के खिलाफ पालकों ने खोला मोर्चा…डीईओ ने प्रबंधन को लगाई फटकार… तत्काल फीस वृद्धि का आदेश ले लिया वापस…

बिलासपुर। जिला शिक्षा विभाग ने नियम का डंडा चलाया तो सरकंडा स्थित माडर्न एजुकेशन एकेडमी प्रबंधन ने बढ़ाई गई फीस का आदेश वापस ले लिया। अब पुरानी फीस पर ही बच्चों को एडमिशन दिया जाएगा। सोमवार को ही पालकों ने आंदोलन कर बच्चों को स्कूल नहीं भेजने की चेतावनी दी थी, जो रंग लाया।

सरकंडा स्थित माडर्न एजुकेशन एकेडमी में नर्सरी से कक्षा 10वीं तक पढ़ाई होती है। 23 मार्च को स्कूल में रिजल्ट का वितरण किया गया। इस दौरान 2019-20 का मासिक शुल्क का स्ट्रक्चर दिया गया। यह देख पालकों के होश उड़ गए। दरअसल, मासिक फीस में 500 से 800 रुपए की वृद्धि कर दी गई थी। बिना त्रिपक्षीय बैठक बुलाए एकतरफा फीस में वृद्धि को लेकर पालक लामबंद हो गए। उन्होंने 26 मार्च को प्राचार्य और चेयरमैन से फीस वृद्धि के संबंध में आपत्ति की। 27 मार्च को मासिक व वार्षिक शुल्क वृद्धि नहीं करने का आवेदन दिया। इस पर स्कूल प्रबंधन ने 30 मार्च को प्राचार्य और शिक्षकों के मध्य पालकों की बैठक कराई। इसमें प्राचार्य ने लिखित में जवाब दिया कि बढ़ाई गई फीस में किसी भी प्रकार का बदलाव संभव नहीं है। फीस में मनमानी वृद्धि के विरोध में पालकों का गुस्सा फूट पड़ा। करीब 70-80 पालक सोमवार सुबह 11:30 बजे कलेक्टोरेट पहुंचे। आचार संहिता लागू होने के कारण सभी को कलेक्टोरेट के प्रवेश द्वार पर रोक दिया गया। दो लोगों के प्रतिनिधि को अंदर बुलाया गया, जहां आवक-जावक में पालकों ने ज्ञापन दे दिया। इसके बाद सभी पालक डीईओ कार्यालय पहुंचे, जहां डीईओ आरएन हीराधर नहीं मिले। वहां भी उन्होंने आवक-जावक में आवेदन दे दिया।

बच्चों को स्कूल नहीं भेजने दी थी चेतावनी

अभिभावक शिवनाथ यादव, सूर्यकांत शर्मा, दिलीप पांडेय, अनिल पांडेय समेत दर्जनों पालकों के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन में कहा गया था कि वे मासिक और वार्षिक शुल्क में वृद्धि का विरोध करते हैं। 1 अप्रैल से कोई पालक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। न ही किसी भी प्रकार की फीस जमा करेंगे और न ही पुस्तक और ड्रेस खरीदेंगे।

11 माह का हवाला, 12 माह की फीस

पालकों के अनुसार स्कूल प्रबंधन ने उन्हें फीस संरचना की कापी दी है, जिसमें काफी चालाकी बरती गई है। इसमें यह बताया गया है कि सत्र 2019-20 में 11 माह की फीस ली जाएगी, जबकि वृद्धि को 12 माह में बांटा गया है, ताकि फीस वृद्धि कम दिखे।

डीईओ हीराधर बोले- फीस वृद्धि वापस

इस मामले में डीईओ आरएन हीराधर का कहना है कि माडर्न एजुकेशन एकेडमी में पढ़ने वाले बच्चों द्वारा दिए गए आवेदन उन्हें मिल गया था। ओपन स्कूल की परीक्षा का निरीक्षण करने के बाद वे स्वयं माडर्न एजुकेशन एकेडमी गए थे। प्रबंधन से उनकी चर्चा हो चुकी है। प्रबंधन ने फीस वृद्धि का आदेश वापस ले लिया है।

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