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छत्तीसगढ़

दंतेवाड़ा उपचुनाव / नक्सलियों के स्थापना दिवस पर ‘जनतंत्र’ का जवाब, 54.15 % मतदान, देर रात तक आंकड़ा बढ़ने की संभावना

दंतेवाड़ा उपचुनाव को लेकर मतदान शांतिपूर्वक संपन्न, शहरी इलाकों की पोलिंग पार्टियों की रवानगी शुरू

भाजपा-कांग्रेस सहित 9 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद, अब 27 सितंबर को नतीजों का इंतजार

भाजपा विधायक भीमा मंडावी की नक्सली हमले में मौत के बाद खाली हुई थी दंतेवाड़ा विधानसभा की सीट 

 

दंतेवाड़ा. छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सोमवार को हुए विधानसभा के उपचुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हो गए। नक्सलियों के स्थापना दिवस का बंद और उनकी धमकियां किसी काम नहीं आईं। सुबह 7 बजे से शुरू हुआ मतदान अपराह्नन 3 बजे तक चला। इस दौरान करीब 54.15 फीसदी मतदान होने की जानकारी सामने आ रही है। इसके देर रात तक और भी बढ़ने की संभावना है। मतदान के बाद भाजपा की ओजस्वी मंडावी और कांग्रेस प्रत्याशी देवती कर्मा सहित 9 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। अब 27 सितंबर को नतीजे सबके सामने होंगे।

इन सबमेंं सबसे अलग तस्वीर नए वोटरों की थी। पहली बार मतदान कर रहे युवाओं ने जमकर अपने अधिकारों का इस्तेमाल किया। इस बार करीब 10 हजार नए मतदाता जोड़े गए। नक्सली 22 से 28 सितंबर तक अपना स्थापना दिवस मना रहे हैं। सरकार और प्रशासन इसको लेकर काफी सतर्क है। बावजूद इसके वोटरों में इसका कोई खास फर्क नहीं पड़ा। खास बात यह है कि नक्सलियों ने दहशत फैलाने के लिए जहां भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या की, वहां पर दोपहर 1 बजे तक 75 फीसदी मतदान हो चुका था।

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल वोटिंग 60.62 %
लोकसभा चुनाव के दौरान कुल मतदान 56.67 %
कुल प्रत्याशी 09
मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस
इस बार कुल मतदान केंद्र 273
अति संवेदनशील मतदान केंद्र 157
संवेदनशील मतदान केंद्र 89
कुल मतदाता 188378
पुरूष मतदाता 89790
महिला मतदाता 98941

जब 72 घंटे पहले तक नक्सली कमान संभालने वाला कांछा भीमा मतदान करने पहुंचा

किरंदुल के गुमियापाल मतदान केंद्र का नजारा दोपहर में अचानक बदल गया। नक्सलियों की कमान संभालने वाले कांछा भीमा को देख हर कोई हैरान हो गया। 72 घंटे पहले तक जो नक्सली तक अब वह मतदान करने के लिए पहुंचा था। नक्सली भीमा ने दो दिन पहले ही 20 सितंबर को सरेंडर किया था। इसके ऊपर एक लाख रुपए का इनाम था। कांछा ने बताया कि उसने 10 साल पहले भी मतदान किया था, तब बैलेट पेपर था। इस बार सबकुछ बदला हुआ था, उसे मशीन में बटन दबाने के लिए कहा गया। हालांकि उसे इसके बारे में पहले जानकारी दी गई थी।

नक्सल प्रभावित इंद्रावती के घाटों पर 10 से ज्यादा मोटर बोट लगाई गई

लोकतंत्र के इस महापर्व में मतदाता अपने वोट की अहूति देने पोलिंग बूथ के बाहर कतार बद्ध तरीके से खड़े हुए है। कुआकोंडा, मोखपाल सहित नक्सल प्रभावित गांव गमावाड़ा और श्यामगिरी में जबरदस्त उत्साह है। इंद्रवती नदी पार के सारे पोलिंग बूथ को मुचनार और छिंदनार में शिफ्ट किया गया है।  इंद्रावती नदी के 3 घाटो में लगभग 10 से ज्यादा मोटर बोट, होम गार्ड और गोताखोरों की व्यवस्था गई है। हालांकि आयोग ने अतिसवेंदनशील 28 पोलिंग बूथों को शिफ्ट किया है।

पोलिंग बूथ से महज 200 मीटर दूर मिला आईईडी, बीडीएस टीम ने किया निष्क्रीय
मतदान के दौरान कटेकल्याण क्षेत्र मेंं सर्चिंग कर रहे जवानों ने नक्सलियों के बड़े मंसबू पर पानी फेर दिया। परचेली पोलिंग बूथ से करीब 200 मीटर दूर  आईईडी विस्फोटक लगाया गया था। पोलिंग को प्रभावित करने नक्सलियों ने इसे जमीन में फिट किया था, जिसे 200 मीटर लंबे तार से जोड़ा गया। मतदान के दौरान लोग इसके ऊपर बने पुल से पार कर बूथ पर आ रहे थे। हालांकि जवानों की सजगता के चलते कोई हादसा नहीं हो सका। हालांकि धुर  नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बने 10 पोलिंग बूथों मेंं से 8 ऐसे रहे, जिनका खाता ही नहीं खुल सका।

कांग्रेस की देवती कर्मा और भाजपा प्रत्याशी ओजस्वी मंडावी में मुकाबला

दंतेवाड़ा उपचुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस की देवती कर्मा और भाजपा की ओजस्वी मंडावी के बीच ही है। ओजस्वी जहां भाजपा के दिवंगत विधायक भीमा मंडावी की पत्नी हैं, वहीं देवती कर्मा पूर्व विधायक होने के साथ ही कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे बस्तर टाइगर दिवंगत महेंद्र कर्मा की पत्नी हैं। दोनों के पतियों ने नक्सली हमले में ही अपनी जान गंवाई है। दोनों ही महिला नेताओं ने पहले मां दंतेश्वरी के दर्शन और पूजन किए। इसके बाद ओजस्वी मंडावी ने गदापाल स्थित पोलिंग बूथ और देवती कर्मा ने फरसपाल बूथ पर परिवार के साथ मतदान किया।

पीठासीन अधिकारी की हुई मौत, डीजीपी बोले- इतिहास का पहला चुनाव जब हिंसा नहीं हुई
मतदान के दौरान कटेकल्याण थाना क्षेत्र के चिकपाल पोलिंग बूथ के पीठासीन अधिकारी चंद्रप्रकाश ठाकुर की अचानक तबीयत खराब होने के चलते मौत हो गई। चंद्रप्रकाश ठाकु़र गीदम के रहने वाले थे और शिक्षक थे। हार्टअटैक से उनकी मौत होने की आशंका जताई जा रही है। वहीं मतदान के बाद डीजीपी डीएम अवस्थी ने कहा कि सीआरपीएफ, आईटीबीपी, डीआरजी जवानों की मदद से चुनाव सकुशल संपन्न हो सका। उन्होंने कहा, चित्रकोट उपचुनाव के लिए हमने तैयारियां शुरू कर दी है। दंतेवाड़ा की तरह वहां भी कड़ी सुरक्षा दी जाएगी। इतिहास में पहली बार कोई भी उपचुनाव बिना किसी घटना के बहुत बेहतरीन तरीके से कराया गया है।

भीमा मंडावी पर हुआ था नक्सली हमला
लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान से ठीक 48 घंटे पहले 9 अप्रैल को नक्सलियों ने विस्फोट कर भाजपा विधायक भीमा मंडावी की गाड़ी को उड़ा दिया था। इस विस्फोट में विधायक मंडावी की मौत के साथ ही उनके ड्राइवर और तीन जवान शहीद हो गए थे। बचेली से आगे मीटिंग में जाने के दौरान कुआकोंडा से पहले धमाका दंतेवाड़ा-सुकमा रोड पर नकुलनार में हुआ। विस्फोट इतना ज़बरदस्त था कि उनकी गाड़ी 200 मीटर दूर जा गिरी। इसके बाद नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी थी, जो कि करीब एक घंटे तक जारी रही थी

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