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क्राइम

पुलिस हिरासत में हनीट्रैप की मास्टरमाइंड युवती ने की VVIP ट्रीटमेंट की मांग, कहा- चाहिए मिनरल वाटर!…

भोपाल। नेताओं-अफसरों को ब्लैकमेल करने वाली पांचों महिलाओं के बारे में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। सूत्रों के मुताबिक पुलिस और एटीएस को पता चला है कि इन महिलाओं ने कई बड़े अधिकारियों को अपने जाल में फंसाकर उनके आपत्तिजनक वीडियो बनाए और इन्हें वायरल करने की धमकी देकर उनसे करोड़ों रुपए की वसूली की है। इनसे जब्त मोबाइल और 8 सिम की जांच में करीब 90 वीडियो भी मिले हैं। इनमें से 30 वीडियो आईएएस, आईपीएस अफसरों और नेताओं के हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हनीट्रैप मामले में गिरफ्तार महिलाओं से इंदौर में पूछताछ के दौरान स्पेशल ट्रीटमेंट की डिमांड करती रहीं। बताया जा रहा है कि पूछताछ के दौरान ये मिनरल वाटर और हैंडवॉश की डिमांड कर रही थीं। जब इन्हें खाना लाकर दिया गया तो उसे भी खाने से इनकार कर दिया। ये पुलिस अफसरों से वीवीआईपी ट्रीटमेंट चाहती थीं।

हनीट्रैप कांड में गिरफ्तार श्वेता के साथ काम कर चुकी एक महिला ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि ये तीनों महिलाएं श्वेता के लिए लाइजनिंग का काम करती थीं, इसका कमीशन इन तीनों महिलाओं को पहुंचाया जाता था। महिला ने बताया कि श्वेता इस खेल में माहिर है वो शिकार के लिए खिलाड़ी बदलती रहती है लेकिन उसका खेल नहीं बदलता।

इन्दौर की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रूचिवर्धन मिश्र ने बताया कि गिरफ्तार महिलाओं में आरती दयाल (29), मोनिका यादव (18), श्वेता जैन पति विजय जैन (39), श्वेता जैन पति स्पनिल जैन (48), और बरखा सोनी (34) शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन्हें भादवि की धारा 405/19, धारा 419, 420, 384, 506, 120-बी एवं 34 के तहत गिरफ्तार किया है। इनके एक वाहन चालक ओमप्रकाश कोरी (45) को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के पास से पुलिस ने लगभग पंद्रह लाख रुपये नगद व मोबाइल फोन और एक एसयूवी बरामद की है।

जिला अभियोजन के मुताबिक पलासिया थाना पुलिस ने प्रथम श्रेणी न्यायिक दण्डाधिकारी राकेश कुमार पाटीदार की अदालत के समक्ष आरोपियों को पेश किया, जहां तीनों आरोपियों के अधिवक्ताओं ने बचाव करते हुए पुलिस रिमांड दिए जाने का विरोध किया

महिलाओं के वकील सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि, पुलिस महिलाओं से लैपटॉप, 14लाख रुपए और वीडियो से संबंधित पूछताछ करना चाहती थी, जिसके चलते पुलिस ने रिमांड मांगी थी। अभियुक्त महिलाएं हैं, तो उन्हें ज्यादा दिन तक पुलिस रिमांड पर नहीं रखा जा सकता। पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने से कोर्ट ने पुलिस की रिमांड की मांग निरस्त कर दी।

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