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क्राइमबिलासपुर

छत्तीसगढ़ / पत्नी के खाना नहीं देने या मुर्गा-बीड़ी के नाम पर सालभर में 625 लोगों की कर दी गई हत्या

  • एनसीआरबी की रिपोर्ट : क्षणिक आवेश में हत्या के मामले में देश भर में छत्तीसगढ़ अव्वल
  • जगदलपुर का कोडेनार थाना क्षेत्र प्रदेश में सबसे आगे, सालभर में 125 लोगों की हत्याएं हुईं

बिलासपुर. क्षणिक आवेग में हत्या के मामले में छत्तीसगढ़ देशभर में अव्वल है। प्रदेश के जगदलपुर में कोडेनार थाना क्षेत्र क्षणिक आवेग में हत्या मामलों में सबसे आगे है। यहां पर साल भर में 125 लोगों की हत्या कर दी गई। वहीं दूसरे नंबर पर बिलासपुर है, जहां 113 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। प्रदेश में वर्ष 2018 के दौरान 4036 लोगों की विभिन्न कारणों से हत्याएं हुई। इनमें से 625 के पीछे क्षणिक आवेग कारण था। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, महज किसी ने खाना नहीं देने पर पत्नी की हत्या कर दी या मुर्गा, बीड़ी के नाम पर लोगों को मार डाला गया। हालांकि ऐसे ज्यादातर मामलों में आरोपियों ने खुद ही थाने पहुंचकर सरेंडर कर दिया।

एशिया में सबसे अधिक हत्याओं के लिए कुख्यात है कोडेनार थाना क्षेत्र

  1. छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के कोडेनार इलाके में सबसे अधिक हत्याएं होती है। यह इलाका सिर्फ देश नहीं बल्कि एशिया में सबसे अधिक हत्याओं के लिए कुख्यात है। रिकॉर्ड में आधिकारिक तौर पर सबसे ज्यादा हत्याएं दर्ज हैं। इस इलाके में मामूली बातों जैसे कि नमक, टोना-टोटका के संदेह में एक-दूसरे को मौत के घाट उतार दिया जाता है। 1982 में यहां थाने की शुरुआत हुई। तब से यहां अब तक 700 से भी ज्यादा हत्याएं दर्ज हो चुकी है।
  2. क्षणिक आवेग में हुई हत्याओं के मामले 
    प्रदेश घटनाएं
    छत्तीसगढ़ 625
    मध्यप्रदेश 425
    राजस्थान 310
    उत्तरप्रदेश 302
    दिल्ली 395

    जरा से गुस्से में हत्या के पीछे के कारण 

    • खाना नहीं परोसने पर पत्नी की हत्या कर दी। बीच बचाव करने आए सास व ससुर पर भी चाकू से किया हमला।
    • शराब खरीदने को लेकर विवाद हुअा। इसमें दोस्त ने गाली दी तो उसके गले पर ब्लेड चलाकर मार डाला।
    • शराब के नशे में जरा सा विवाद हुआ तो बच्चों का बैट छीनकर दोस्त के सिर पर मार दिया। इसके बाद पत्थर से सिर कुचल दिया।
  3. यहां के लोग अपराधी प्रवृत्ति के नहीं

    जेपी वर्मा काॅलेज के समाजशास्त्री डाॅ महेश पांडेय तिवारी इसके पीछे कारण इस इलाके के लोग स्वभाव से ही गुस्सैल हैं। उनका यही स्वभाव अपराध का कारण बनता है। यहां के लोग आपराधिक प्रवृत्ति के नहीं हैं, पर गुस्से में जल्दी ही आपा खो बैठते हैं। इन्हें अपराध का बोध होता है तो खुद ही थाने में आकर समर्पण भी कर देते हैं। इलाके में अधिक हत्याओं के लिए अशिक्षा व अंधविश्वास भी जिम्मेदार है।

  4. प्रमुख कारण नशा- मनोवैज्ञानिक

    डीपी विप्र काॅलेज के मनोविज्ञान के पूर्व प्रोफेसर सिद्धार्थ जैन का कहना है कि प्रदेश में पुरानी रंजिश या जर, जोरू, जमीन जैसे मुद्दों पर हत्याएं कम होतीं है। इमली बेचने या महज 25 रुपए के बंटवारे के झगड़े पर ही हत्या हो जाती है। यहां के लोग मेहनती होते हैं पर गुस्सा हर वक्त इनकी नाक पर रहता है। नशे करने के बाद ये आपा खो बैठते हैं। जल्दी तैश में आ जाते हैं। इनमें शामिल वे ही लोग हैं जिनका निश्चित कैरियर नहीं होता और भविष्य की चिंता नहीं होती। इसी तरह नशा भी प्रमुख कारा है। इससे मानसिक संतुलन कमजोर हो जाता है।

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