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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ / वेस्ट फूलों से महिलाओं ने बनाई अगरबत्ती, तालाबों और नदियों को प्रदूषण से बचाया

राजनांदगांव में गणेशोत्सव के दौरान दैनिक भास्कर ने चालाया था अभियान, महिलाओं को हो रही आमदनी 

समूह बनाकर महिलाएं करती हैं काम, अब दुर्गा पूजा के दौरान भी पंडालों से फुल किए जाएंगे संग्रहित 

राजनांदगांव. ताजाखबर36गढ़  ने छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में एक अभियान चलाया। इस अभियान से अब न सिर्फ नदियों और तालाबों का पानी गंदा होने से बचा बल्कि कुछ महिलाओं को रोजगार भी मिला। मां बम्लेश्वरी महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने खुद को इस अभियान से जोड़ा। अब यह महिलाएं हर महीने हजारों रुपए कमा रही हैं। दरअसल गणेशोत्सव के दौरान पंडालों में पूजा में इस्तेमाल फूलों से अगरबत्ती बनाने के बारे में दैनिक भास्कर ने बताया। इसी का नतीता है यह बदलाव।

1 क्विंटल बेकार फूलों का किया इस्तेमाल

  1. इस अभियान के तहत गणेश पंडालों से लगभग 1 क्विंटल तक फूल एकत्रित किए गए। भगवान पर चढ़ने वाले इन फूलों को आमतौर पर नदी या तालाबों में प्रवाहित कर दिया जाता था। कुछ दिन बाद फूल सड़ जाया करते थे। महिलाओं का कहना है कि भास्कर ने आस्था के फूलों का सही इस्तेमाल करना सिखाया। यही वजह है कि अब अगरबत्ती बनाने के लिए कच्चे माल में 10 की जगह सिर्फ 5 हजार रुपए ही खर्च करने पड़ रहे हैं। जबकि आवक 15 से 20 हजार तक हो रही है।
  2. इन फूलों को सुखाया गया और सूखने के बाद पिसाई कर अगरबत्ती बनाने के काम आने वाले मटेरियल से मिला दिया। इसलिए मटेरियल कम लगा। मुंजालकला की महिलाओं ने बताया कि गणेशोत्सव के दौरान एकत्रित किए गए फूलों से अब तक 15 हजार रुपए तक की अगरबत्ती बना चुकी हैं। अब गणेशोत्सव की तरह ही दुर्गा उत्सव में भी यह अभियान चलाया जाएगा। इससे सामाजिक संस्थाओं को जोड़ा जाएगा। संस्था के सदस्य दुर्गा पंडालों में दस्तक देकर फूलों को एकत्रित करने संदेश देंगे। संस्कार श्रद्धांजलि संस्था ने तय किया है कि अभियान के तहत दुर्गा पंडालों के अलावा देवी मंदिरों में भी आस्था के फूल एकत्रित करने जाएंगे।

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