डोलेसरा गांव में महाजेंको की जनसुनवाई के दौरान ग्रामीणों ने दिखाए पोस्टर, लगाए नारे
ग्रामीणों का आरोप जनसुनवाई में जो लोग शामिल हुए वे सभी कंपनी के ही आदमी थे
रायगढ़. महाजेंको की प्रस्तावित माइंस के लिए शुक्रवार को डोलेसरा गांव में हुई जनसुनवाई का ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया। ग्रामीण इस कदर भड़के थे कि जनसुनवाई से लौट रही पुलिस पार्टी पर उन्होंने पत्थर भी बरसाए। ग्रामीणों के हमले का जवाब पुलिस जवानों ने उनपर लाठियां चलाकर दिया। मिडिल स्कूल के मैदान में हुई जनसुनवाई में 61 लोग ही पहुंचे। जनसुनवाई का विरोध करने के लिए ग्रामीण बैनर और पोस्टर लेकर मिडिल स्कूल मैदान पहुंचे तो उन्हें बाहर ही रोक दिया गया। ग्रामीण वहीं खड़े होकर जनसुनवाई के विरोध में नारेबाजी करने लगे।
पर्यावरण विभाग के अफसर बोले- 61 में से 6 लोगों ने ही विपरीत प्रभाव पड़ने की बात कही
- पर्यावरण विभाग के अफसरों का कहना था कि जनसुनवाई में उन्होंने सभी को बोलने का मौका दिया। दिन भर में 61 लोग पहुंचे। इसमें छह लोगों ने ही पर्यावरण, जंगल व ग्रामीण रहवास पर विपरीत प्रभाव पड़ने की बात कही। आंदोलन में शामिल ग्रामीणाें ने बताया कि जनसुनवाई में जो लोग शामिल हुए, वे कंपनी के ही कर्मचारी थे। शाम को जनसुनवाई खत्म होने से ठीक 10 मिनट पहले किसी तरह रमेश अग्रवाल जनसुनवाई में पहुंचे। इस दौरान एडीएम और जनसुनवाई के पीठासीन अधिकारी आरए कुरंवंशी, घरघोड़ा, लैलूंगा एसडीएम, तमनार और घरघोड़ा के तहसीलदार जनसुनवाई में उपस्थित रहे।
- 14 गांवों के ग्रामीणों ने विरोध किया : क्षेत्र में प्रस्तावित कोल माइंस से आसपास के 14 गांव प्रभावित होंगे। सुबह से ही लोग जनसुनवाई स्थल के बाहर विरोध करने के लिए बैठे रहे। जन चेतना मंच के राजेश त्रिपाठी ने बताया कि इस जनसुनवाई का क्षेत्र के गारे, पाता, सराईटोला, सरसमाल, टेहरीरामपुर, झिंकाबहाल, बजरमुड़ा, कुंजेमुड़ा, डोलेसरा, चितवाही, बांधापाली के 90 फीसदी लोगों ने विरोध किया है।
सभी को बोलने का मौका दिया गया
जनसुनवाई में सभी को बोलने का मौका दिया गया। बाहर विरोध में बैठे ग्रामीण लोगों को अंदर आने नहीं दे रहे थे। शाम को लौटते समय पुलिस पर पथराव होने की मुझे यहां पहुंचने पर जानकारी मिली।
पुलिस पर उपद्रवी तत्वों ने पथराव किया है
जनसुनवाई खत्म होने के बाद जवान लौट रहे थे। तभी गांव में सुबह से नशा कर घूम रहे उपद्रवी लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। किसी तरह पुलिस की टीम वहां से बाहर निकल सकी। पथराव करने वालों की पहचान की जा रही है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इच्छा थी लेकिन आ नहीं पाए
हमारी जनसुनवाई सक्सेस रही। रही बात 90 फीसदी के विरोध कि तो यह गलत है। जनसुनवाई में ग्रामीण की आने की इच्छा थी, वे आना चाहते थे, लेकिन कुछ लोगों ने जनसुनवाई स्थल के पहले रास्ता जाम कर रखा था। इसलिए वे शामिल नहीं हो सके।