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क्राइम

मप्र / हनी ट्रैप केस: श्वेता ने सॉफ्टवेयर से नेताओं-अफसरों के फोन टेप किए, 5 लोगों की टीम निगरानी करती थी

हनी ट्रैप की मास्टरमाइंड श्वेता विजय जैन ने फोन पर नजर रखने के लिए बेंगलुरु की निजी कंपनी की मदद ली 

कंपनी की टीम नेताओं और अफसरों के फोन हैक कर उनके चैट और बातचीत को रिकॉर्ड करती थी

भोपाल/इंदौर. मध्य प्रदेश के हनी ट्रैप केस में अब अफसरों और नेताओं के फोन टेप करने और चैट पर नजर रखने की बात सामने आ रही है। पुलिस के नए खुलासे के मुताबिक, आरोपी श्वेता विजय जैन ने बेंगलुरु की एक निजी कंपनी को सर्विलांस का जिम्मा सौंपा था। इस सॉफ्टवेयर कंपनी को बेंगलुरु के संतोष चलाते हैं। श्वेता ने कंपनी से सायबर सिक्युरिटी, सायबर फॉरेंसिक और फोन सिक्युरिटी के काम कराए। चैटिंग, एसएमएस के साथ कॉल भी रिकॉर्ड किए गए थे।

  • बताया जा रहा है कि संतोष के साथ 5 लोगों का स्टाफ था, जो भोपाल में सक्रिय रहा। इनमें शिखा, सोनू, अंशिका, साक्षी और साक्षी का भाई शामिल हैं। इनमें से दो लोग सायबर फॉरेंसिक के एक्सपर्ट रहे। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि श्वेता के साथ संतोष और उनकी टीम हनी ट्रैप केस से भी जुड़े हैं और सायबर सर्विलांस के कनेक्शन भी इनकी ओर इशारा कर रहे हैं। सायबर सेल के दफ्तर में श्वेता अक्सर देखी जाती थी।
  • कुछ लोगों का कहना है कि वह और उसकी टीम यहीं से काम करती थी। बेंगलुरु की जिस कंपनी को यह काम दिया गया था, वह सर्विलांस में एक्सपर्ट मानी जाती है। इसकी एंट्री मप्र में भाजपा सरकार जाने के बाद हुई। कहा जाता है कि यह कंपनी पहले केंद्रीय एजेंसियों के लिए भी काम कर चुकी है। ब्लैकमेलर्स गैंग अफसरों, नेताओं और व्यापारियों को न केवल हनी ट्रैप में फंसाता था, बल्कि बाद में उन पर पैनी नजर भी रखता था।

पिगासस सॉफ्टवेयर से फोन की निगरानी
सॉफ्टवेयर कंपनी फोन की निगरानी के लिए पिगासस सॉफ्टवेयर के बग का इस्तेमाल करती थी। इसे वॉट्सऐप, एसएमएस या अन्य तरीकों से नेताओं और अफसरों के फोन की गैलरी में भेजा जाता था। इसके बाद यह फोन में छिपकर कॉल रिकॉर्डिंग, वॉट्सऐप चैटिंग, एसएमएस के साथ अन्य चीजों की सर्विलांस करता था। कहा जाता है कि यह सॉफ्टवेयर आईफोन की भी निगरानी कर सकता है। ये उसे हैक कर लेता था, जिसकी जानकारी फोन चलाने वाले को नहीं होती है।

एसआईटी का फोकस ठेके हासिल करने और नौकरियां दिलवाने पर 
एसआईटी की पूछताछ का फोकस इस बात पर है कि किन अफसरों को ब्लैकमेल कर ठेके हासिल किए और नौकरियां दिलवाई गईं। श्वेता जैन से जुड़ी ज्यादातर जानकारियां जांच टीम को मिल चुकी हैं। श्वेता स्वप्निल से ज्यादातर सवाल बड़े ठेकों और अन्य सरकारी काम हासिल करने को लेकर हो रहे हैं। एसआईटी को पता लगा है कि दोनों श्वेताओं ने 22 से ज्यादा लड़कियों का इस्तेमाल किया। एसआईटी सभी के ठिकाने खोज रही है।

दोनों श्वेता और बरखा की आज पेशी 
पीड़ित छात्रा को सरकारी गवाह बनाने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब उसकी रिमांड खत्म होने के बाद पुलिस उसकी क्षमा याचिका लगाएगी और उसे इस केस से बरी कराया जाएगा। मास्टर माइंड श्वेता स्वप्निल जैन, श्वेता विजय जैन और बरखा सोनी की 30 सितंबर तक रिमांड पूरा हो रही है। पुलिस दोनों को सोमवार को कोर्ट में पेश करेगी।

क्या है ये मामला

पिछले दिनों नेताओं-अफसरों को हनी ट्रैप के जरिए ब्लैकमेल कर करोड़ों वसूलने के मामले में पांच महिलाएं (श्वेता पति विजय जैन, श्वेता पति स्वप्निल जैन, बरखा सोनी, आरती दयाल, छात्रा मोनिका यादव) और एक ड्राइवर ओमप्रकाश को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस और एटीएस के मुताबिक, इन महिलाओं ने करीब 20 लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनके आपत्तिजनक वीडियो बनाए और इन्हें वायरल करने की धमकी देकर उनसे करीब 15 करोड़ रुपए की वसूली की है। किसी से 50 लाख तो किसी से तीन करोड़ रुपए तक की वसूली की गई। इनसे जब्त मोबाइल और 8 सिम की जांच में करीब 90 वीडियो भी मिले हैं। इनमें से 30 वीडियो आईएएस, आईपीएस अफसरों और नेताओं के हैं।

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