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राजनीति

मध्यप्रदेश: इसलिए कांग्रेस विधायकों के इस्तीफों को स्वीकार नहीं करेंगे विधानसभा के स्पीकर…जानें तकनीकी आधार…

मध्य प्रदेश कांग्रेस की तरफ से विधानसभा स्पीकर एन.पी. प्रजापति को तकनीकी आधार पर 22 में से 21 विधायकों के इस्तीफे को खारिज करने के लिए कहा जा सकता है। कांग्रेस नेता ने बताया कि उसकी वजह ये है कि इस्तीफा देने वाले विधायकों की तरफ से लिखे पत्र में ‘असेंबली’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया और पत्रों को व्यक्तिगत तौर पर उन विधायकों की तरफ से नहीं सौंपा गया।

विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों ने कहा कि स्पीकर तकनीकी आधार पर इस्तीफे को खारिज कर सकता है।

बेंगलुरु के एक रिजॉर्ट में ठहरे 19 कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल लालजी टंडन को अपना इस्तीफा ई-मेल के जरिए भेजने के बाद मंगलवार के बाद वहीं इस्तीफा ई-मेल कर स्पीकर को भी भेजा था। बाद में इस्तीफे के पत्र की मूल प्रति भोपाल स्थित विधानसभा स्पीकर के बंगले पर बीजेपी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने प्रजापति को जाकर सौंपा था।

बीजेपी विधायक और राज्य के पूर्व गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह इस्तीफों के ये पत्र बेंगलुरु से भोपाल लेकर आए थे। बाद में, सीनियर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा का इस्तीफे सौंपे जाने के बाद यह साफ जाहिर होता है कि बीजेपी की ओर से कांग्रेस विधायकों को लुभाने का प्रयास किया जा रहा था। इन 19 विधायकों के अतिरिक्त, तीन अन्य कांग्रेस विधायकों ने भोपाल में स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंपा।

इस्तीफा देने वाले इन 19 विधायकों में महेन्द्र सिंह सिसोदिया (श्रम मंत्री), तुलसीराम सिलवत (स्वास्थ्य मंत्री), प्रभुराम चौधरी (शिक्षा मंत्री), प्रद्युमन सिंह तोमर (खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री), इमरती देवी (महिला एवं बाल विकास मंत्री), गोविंद सिंह राजपूत (ट्रांसपोर्ट एंड रिवैन्यू मिनिस्टर), बृजेन्द्र सिंह यादव, रघुराज सिंह कसाना, जसमंत जाटव, सुरेश धाकड़, जजपाल सिंह जज्जी, मुन्ना लाल गोयल, हरदीप सिहं डुंग, गिरिराज डंडोतिया, ओपीएस भदौरिया, राजवर्धन सिंह, रक्षा संतराम सरोनिया, कमलेश जाटव और रणवीर जाटव शामिल है।

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