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क्राइम

आत्महत्या: सीबीआई पूर्व चीफ अश्विनी कुमार ने इस वजह से की खुदकुशी, सुसाइड नोट में हुआ खुलासा

हाई प्रोफाइल आरुषि हत्याकांड की जांच करने वाले सीबीआई के पूर्व निदेशक अश्वनी कुमार बुधवार को अपने शिमला स्थित आवास पर फांसी के फंदे से लटके पाए गए। राजधानी शिमला के ब्राकहाॅस्ट स्थित निवास में उनका शव फंदे से लटका पाया गया। वह 70 वर्ष के थे।

छोटा शिमला थाना से पुलिस की टीम घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को घटनास्थल से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। सुसाइड नोट में लिखा गया है कि जिंदगी से तंग आकर अगली यात्रा पर निकल रहा हूं। पुलिस अधीक्षक शिमला मोहित चावला ने पुष्टि करते हुए बताया कि यह हैंगिंग का मामला है और इसकी जांच की जा रही है।

गौरतलब है कि अश्वनी कुमार का जन्म सिरमौर जिला के मुख्यालय में नाहन में हुआ था। वह आइपीएस अधिकारी थे और वर्ष 2006 से 2008 तक हिमाचल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रहे। अगस्त 2008 से नवंबर 2010 के बीच वह सीबीआइ के निदेशक रहे थे। अश्वनी कुमार सीबीआइ के पहले ऐसे प्रमुख हैं, जिन्हें बाद में राज्यपाल बनाया गया था। मार्च, 2013 में उन्हें नगालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। हालांकि वर्ष 2014 में उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। इसके बाद वह शिमला में एक निजी यूनिवर्सिटी के वीसी भी रहे।

कोरोना लाॅकडाउन के दौरान अश्वनी कुमार पत्नी व बेटे संग मुंबई में थे और हाल ही में शिमला लौटे थे। आत्महत्या की इस घटना से हर कोई स्तब्ध है। हिमाचल में आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। प्रदेश में वर्ष 2020 में अभी तक करीब 400 लोग मौत को गले लगा चुके हैं। वर्ष 2019 में कुल 563 आत्महत्या से जुड़े मामले दर्ज किए गए थे। इधर, हिमाचल में कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज और उनकी पत्नी कोरोना संक्रमित हुए हैं। उनका छोटा बेटा पांच अक्टूबर को संक्रमित पाया गया था। बड़े बेटे की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। शिमला में उन्होंने बताया कि वह दो अक्टूबर से होम क्वारंटाइन में हैं।

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