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‘मैगी, पेंसिल महंगी कर दी, मांगने पर मां मारती है’, पत्र लिखकर बच्ची ने प्रधानमंत्री से बताया अपना दर्द…जानें एसडीएम ने क्या कहा…

देश में बढ़ती महंगाई को लेकर उत्तर प्रदेश की छह साल की एक बच्ची ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में बच्ची ने महंगाई और पेंसिल और रबर खरीदने में हो रही ‘कठिनाई’ की शिकायत की है। यूपी की छह साल की इस बच्ची का लिखा ये पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। कन्नौज जिले के छिबरामऊ कस्बे की छह वर्षीय कृति दुबे अपने पत्र में लिखा है पेसिंल और मैगी महंगी कर दी गई है, जिसको मांगने पर उसकी मां उन्हें मारती है। ये पत्र कृति दुबे ने खुद से हिंदी में लिखी है। जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पीएम कहकर संबोधित किया है।

‘पेंसिल मांगने पर मां मारती है…’

कन्नौज जिले के छिबरामऊ कस्बे की छह वर्षीय कृति दुबे अपने पत्र में प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए लिखती है, ”मेरा नाम कृति दुबे है। मैं कक्षा एक में पढ़ती हूं। मोदी जी, आपने बहुत अधिक महंगाई बढ़ा दी है। मेरी पेंसिल और रबर (इरेजर) भी महंगी हो गई है और मैगी की कीमत भी बढ़ गई है। अब मेरी मां मुझे पेंसिल मांगने पर मारती है।”

‘क्या करूं, दूसरे बच्चे पेंसिल चुरा लेते हैं…’

कृति दुबे ने पत्र में आगे लिखा, ”मैं क्या करूं? दूसरे बच्चे मेरी पेंसिल चुरा लेते हैं।’ सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस पत्र की पुष्टि कृति दुबे के पिता विशाल दुबे ने की है। विशाल दुबे ने कहा है कि ये पत्र मेरी बेटी ने पीएम मोजी को लिखा है। विशाल दुबे पेशे से एक वकील हैं।

पिता ने कहा- ये मेरी बेटी की मन की बात है…

पत्र पर टिप्पणी करते हुए बच्ची के पिता विशाल दुबे ने कहा, ‘यह मेरी बेटी की ‘मन की बात’ है। वह हाल ही में नाराज हो गई जब उसकी मां ने उसे डांटा जब उसने स्कूल में अपनी पेंसिल खो दी।’ ट्विटर पर इस पत्र को कई लोगों ने शेयर किया है। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, छिबरामऊ के एसडीएम अशोक कुमार ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश करेंगे कि उनका पत्र संबंधित अधिकारियों तक पहुंचे।

एसडीएम ने कहा- सोशल मीडिया से मिली उन्हें जानकारी

छिबरामऊ एसडीएम अशोक कुमार ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उन्हें इस छोटी बच्ची के पत्र के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से पता चला। एसडीएम ने कहा, ‘व्यक्तिगत क्षमता के तहत, इस समय, मैं किसी भी तरह से बच्चे की मदद करने के लिए तैयार हूं। मैं यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश करूंगा कि उसका पत्र जिम्मेदार अधिकारियों तक पहुंचे।’

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