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यंग इंडिया का ऑफिस सील, सोनिया और राहुल गांधी के घर के समाने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात, कांग्रेस ने बुलाई बैठक…

नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े कथित धनशोधन मामले में बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली में यंग इंडिया के कार्यालय को सील कर दिया। इसके साथ ही ईडी ने निर्देश दिया कि एजेंसी की अनुमति के बिना परिसर नहीं खोला जाना चाहिए। वहीं, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के आवास के बाहर और दिल्ली में एआईसीसी मुख्यालय के बाहर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक ईडी द्वारा एक दिन पहले की गई छापेमारी में सबूत एकत्र नहीं किए जा सके थे, इसलिए सबूतों को सुरक्षित रखने के लिए यंग इंडिया कार्यालय को अस्थायी रूप से सील कर दिया गया है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल हेराल्ड के ऑफिस के सभी हिस्से खुले रहेंगे।

2 अगस्त को ईडी ने 12 ठिकानों पर छापा मारा

ईडी ने मंगलवार को सोनिया गांधी-राहुल गांधी की कंपनी यंग इंडिया के स्वामित्व वाले नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े दिल्ली और कोलकाता सहित देश भर के 12 ठिकानों पर छापेमारी की। उन्होंने दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की तलाशी भी ली थी। जानकारी सामने आई कि ईडी ने हेराल्ड हाउस की चौथी मंजिल की तलाशी ली। यहाँ नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन कार्यालय है। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हेराल्ड हाउस पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन भी किया।

कांग्रेस ने किया ट्वीट

यंग इंडिया के ऑफिस को सील करने के बाद कांग्रेस ने ट्वीट किया, ‘सच की आवाज पुलिस गश्ती से डरेगी नहीं। गांधी के अनुयायी इस अंधेरे से लड़ेंगे और जीतेंगे। नेशनल हेराल्ड के कार्यालय को सील करना, कांग्रेस मुख्यालय को पुलिस गार्ड के तहत कैद करना तानाशाह के डर और रोष दोनों को दर्शाता है, लेकिन मुद्रास्फीति और बेरोजगारी पर सवाल अभी भी पूछे जाएंगे।

कांग्रेस मुख्यालय में बुलाई गई बैठक

वहीं ईडी की कार्रवाई के बाद कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और जयराम रमेश ने शाम 7 बजे पार्टी मुख्यालय में सभी वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है। बैठक में शामिल होने के लिए खड़गे, चिदंबरम, प्रमोद तिवारी समेत कई बड़े नेता पहुंच चुके हैं।

जानिए क्या है नेशनल हेराल्ड केस?

एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) एक प्रकाशक था। यह 20 नवंबर 1937 को अस्तित्व में आया। उस समय इसने तीन समाचार पत्र प्रकाशित किए थे। इसमें नेशनल हेराल्ड (अंग्रेजी), नवजीवन (हिंदी) और कौमी आवाज़ (उर्दू) शामिल थे। 1960 के बाद एजेएल को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ा। इस पर कांग्रेस पार्टी मदद के लिए आगे आई और एजेएल को बिना ब्याज के लोन दे दिया। इसके बाद अप्रैल 2008 में एजेएल ने अखबारों का प्रकाशन बंद कर दिया। फिर 2010 में पता चला कि एजेएल को कांग्रेस पार्टी का 90.21 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाना है। आयकर विभाग का आरोप है कि गांधी परिवार के स्वामित्व वाले यंग इंडियन ने एजेएल की संपत्ति, जिसकी कीमत 800 से 2,000 करोड़ रुपये के बीच है, को केवल 50 लाख रुपये देकर अपने कब्जे में ले लिया। हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी अधिनियम की धारा 25 के तहत पंजीकृत है।

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