आदिवासी दिव्यांग नौकरानी को कैद कर जुल्म ढाने वाली, निलंबित BJP नेता सीमा पात्रा गिरफ्तार…
घरेलू सहायिका को प्रताड़ित करने के आरोप में बीजेपी से निलंबित नेता सीमा पात्रा को अब रांची पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है...
झारखंड में घरेलू सहायिका को प्रताड़ित करने के आरोप में बीजेपी से निलंबित नेता सीमा पात्रा को अब रांची पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल ने कहा कि सीमा पात्रा को हिरासत में ले लिया गया है और अन्य औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं. बता दें कि 29 वर्षीय एक आदिवासी दिव्यांग युवती ने रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर महेश्वर पात्रा की पत्नी और भाजपा नेत्री सीमा पात्रा पर गंभीर आरोप लगाए थे कि उन्होंने उसे आठ साल तक घर में कैद रखा. वह जीभ से फर्श साफ करवाती थीं, गर्म तवे से जताली थीं औ रॉड से पीटती थीं. युवती के आरोपों पर पुलिस ने भाजपा नेत्री पर केस दर्ज कर लिया है. युवती का रांची के रिम्स हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है.
दरअसल मंगलवार को, एसएसपी कौशल ने कहा था कि घरेलू सहायिका को छुड़ाए जाने के तुरंत बाद सीमा पात्रा के खिलाफ आईपीसी और एससी/एसटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते सहायिका को आरोपी के घर से बचाया गया था, लेकिन वह बहुत हालत में थी. इस मामले की जांच जारी है और संबंधित औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं. आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.
बीजेपी नेत्री सीमा पात्रा गिरफ्तार
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने भी घरेलू सहायिका का कथित रूप से उत्पीड़न करने को लेकर पूर्व आईएएस अधिकारी की पत्नी और बीजेपी नेत्री सीमा पात्रा को गिरफ्तार करने की मांग की थी. आयोग ने इस मामले की निश्चित समयसीमा में निष्पक्ष तरीके से जांच एवं पीड़िता का बेहतर इलाज कराने की भी मांग की. एनसीडल्यू ने कहा कि मीडिया की खबरों के अनुसार पूर्व आईएएस अधिकारी महेश्वर पात्रा की पत्नी सीमा पात्रा ने अपनी घरेलू सहायिका पर हमला किया और उसका उत्पीड़न किया. सीमा पात्रा उसे कई दिनों तक भूखा-प्यासा रखती थी, उसने कथित रूप से लोहे की छड़ से मारकर उसके दांत तोड़ दिये थे.
चलने-फिरने में असमर्थ युवती
पुलिस को दर्ज कराए बयान में पीड़ित सुनीता ने बताया कि उसके साथ बेरहमी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वो लोग अपने घर के फर्श को जीभ से साफ करवाते थे. इतना ही नहीं रॉड से मारकर उसके दांत तोड़ दिए गए थे, जिससे वह चलने-फिरने में भी असमर्थ हो गई है. उसने बताया कि वह काफी सालों से घर से बाहर नहीं निकली. काम करने के बाद उसे एक कमरे में कैद कर दिया जाता था.
क्या भाजपा आदिवासियों को इंसान नहीं समझती? उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक मानती है?
अमानवीयता और गिरने की सारी हदें पार करने वाली 'नागपुर' संचालित स्वघोषित 'संस्कारी' पार्टी के नेताओं को जवाब देना होगा।
इन्होंने छत्तीसगढ़ में भी डेढ़ दशक तक आदिवासियों का शोषण किया। https://t.co/503qRIxob8
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 31, 2022