कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव: सोनिया गांधी के ‘प्लान बी’ का हिस्सा हैं दिग्विजय सिंह, कैसे बनी अशोक गहलोत पर दबाव की रणनीति…
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करेंगे या नहीं। आज उनकी सोनिया गांधी से मुलाकात भी होने वाली है और इसके बाद कुछ अहम
राजस्थान में आए सियासी संकट के बाद से अब तक यह साफ नहीं है कि अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करेंगे या नहीं। आज उनकी सोनिया गांधी से मुलाकात भी होने वाली है और इसके बाद कुछ अहम फैसला हो सकता है। इस बीच बुधवार को अचानक ही खबर आई थी कि दिग्विजय सिंह भी कांग्रेस अध्यक्ष के चुनवा में उतरेंगे, लेकिन अब तक यह साफ नहीं है कि वह कब और किसके समर्थन से पर्चा दाखिल करने वाले हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि दिग्विजय सिंह को अध्यक्ष के चुनाव में उतारने का ऐलान सोनिया गांधी का ‘प्लान बी’ भी हो सकता है।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि दिग्विजय सिंह को वेट ऐंड वॉच मोड में रखा गया है। अशोक गहलोत की सोनिया गांधी से मीटिंग में यदि उनके अध्यक्ष के चुनाव लड़ने पर सहमति नहीं बनती है तो दिग्विजय सिंह उतर सकते हैं। लेकिन माना जा रहा है कि दिग्विजय सिंह का नाम ही इसलिए चलाया गया ताकि अशोक गहलोत दबाव में आएं। हाईकमान यह नहीं दिखाना चाहता कि उसके पास अध्यक्ष के तौर पर विकल्पों की कमी है। अशोक गहलोत को हाईकमान ने सख्त संदेश दिया है और दूसरी तरफ दिग्विजय सिंह का नाम आगे किया गया है। माना जा रहा है कि इससे राजस्थान के मुख्यमंत्री दबाव में आ सकते हैं और खुद को अनुशासित कांग्रेसी साबित करने के लिए अध्यक्ष चुनाव लड़ सकते हैं।
संकेत यह भी हैं कि अशोक गहलोत कुछ शर्तों के साथ सीएम पद छोड़ने के लिए भी राजी हो सकते हैं। अशोक गहलोत बुधवार की रात को दिल्ली पहुंचे हैं और आज उनकी सोनिया गांधी से मुलाकात होनी है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि सोनिया गांधी से अशोक गहलोत लगातार मिलने का टाइम बुधवार को मांग रहे थे, लेकिन मौका नहीं मिला। इससे समझा जा सकता है कि वफादारों की श्रेणी में रहे अशोक गहलोत के बगावती रुख को हाईकमान ने कैसे अपमान के तौर पर लिया है। ऐसे में गुरुवार का दिन कांग्रेस के लिए बेहद अहम रहने वाला है।