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बिलासपुर: जिला मार्शल आर्ट कराते एसोशिएशन ने लगया, अनुभवी योग्य एवं स्थानीय प्रशिक्षकों को दरकिनार करने का आरोप…

बिलासपुर। खेल प्रतिभा को आगे बढ़ाने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार लगातार महत्वकांक्षी योजनाएं बना रही है उन्ही योजनाओं के अंतर्गत...

बिलासपुर। खेल प्रतिभा को आगे बढ़ाने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार लगातार महत्वकांक्षी योजनाएं बना रही है उन्ही योजनाओं के अंतर्गत शासकीय पूर्व माध्यमिक शालाओं में सर्व शिक्षा अभियान (SSA) विभाग के माध्यम से कक्षा 6वीं से 18वीं तक की सभी बालिकाओं को रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के तहत आत्म निर्भरता के गुर सिखाने नवम्बर माह से 30 दिवसीय प्रशिक्षण सत्र प्रारंभ किया गया है, विडम्बना यह है कि इस प्रशिक्षण सत्र में बतौर कराते के अनुभवी योग्य एवं स्थानीय प्रशिक्षकों को दरकिनार कर अन्य खेल के प्रशिक्षकों को अवसर देकर शासकीय अनुदान का बंदरबाट किया जा रहा है।

जबकि स्थानीय कराते एकाडमी शहर के अलग-अलग स्थानों पर कई वर्षों से कड़ी मेहनत एवं सक्रियता से प्रशिक्षण प्रदान कर ऐसे ऐसे खिलाड़ियों को तैयार कर रही है जो केवल राज्य स्तरीय ही नही बल्कि राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ राज्य का नाम रोशन करते आ रहे है। ऐसे में जब राज्य सरकार के महत्वपूर्ण आत्मनिर्भरता कराते प्रशिक्षण सत्र में शहर के इन अनुभवि खिलाड़ियों को नजर अंदाज किया जाना कराते खेल प्रशिक्षण संघ के लिए अत्यंत चिंतनीय एवं दुखदाई है।

जिला मार्शल आर्ट कराते एसोशिएशन के सदस्यों ने  पत्रकारों से चर्चा के दौरान बताया कि मिडिल स्कूल में संचालित कराते प्रशिक्षण में जिन प्रशिक्षकों को नियुक्त किया गया है क्या वे शतप्रतिशत कराते खेल विधा से पारंगत है योग्य है अनुभवी हैं उनकी नियुक्ति किन मापदंडो के आधार पर की गई है एवं उनकी जानकारियों को गुप्त क्यों रखा जा रहा है।

ऐसे कुछ बिन्दुओं पर जिला मार्शल आर्ट कराते एसोशिएशन बिलासपुर अपनी आपत्ति दर्ज कराकर मांग करता है कि मिडिल स्कूल कराते प्रशिक्षण में सिर्फ और सिर्फ कराते खेल विधा के जानकार योग्य अनुभवी एवं जिला अंतर्गत प्रशिक्षकों की ही नियुक्ति की जानी चाहिए।

संघ की आपत्ति बिन्दुसार-

1- विभाग द्वारा कराते खेल संघ को सूचना नही दी गई।

2. स्थानीय प्रशिक्षकों को नजरअंदाज किया गया।

3. अनुभवी एवं योग्य शिक्षकों का नियुक्ति नही किया गया।

4.अन्य खेल प्रशिक्षकों को नियुक्ति किया गया।

5. नियुक्त प्रशिक्षकों की जानकारी गुप्त रखी गई है।

6. नियुक्त पदों की जानकारी का कोई विज्ञापन जारी नही किया गया।

7. एक ही संघ पर मेहरबानी की गई है।

8. एक ही व्यक्ति को कई स्कूलों में प्रशिक्षण की अनुमती दी गई है।

9. नियुक्त पदों की कोई मापदंड निर्धारित नही किया गया है।

10. विभाग में मिडिल स्कूलों में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिए राशि 1,47,50000 रू. का बजट विगत वर्षो से आ रहा है।

11. विगत वर्षों से विभाग द्वारा दुरूपयोग किया जा रहा है।

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