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छत्तीसगढ़

आरक्षण संशोधन विधेयक: राज्यपाल अनुसुईया बोली परीक्षण के बाद सोमवार को साइन करूंगी; जानें सीएम भूपेश क्या बोले…

हस्ताक्षर को लेकर मीडिया को जवाब दिया कि विधेयक के बारे में पूरी तरह से परीक्षण किया जायेगा है। पूरी प्रक्रिया का पालन होने के बाद वह सचिवलाय...

रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने शनिवार को कहा कि वह आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 पर सोमवार काे हस्ताक्षर करेंगी। इसके बाद छत्तीसगढ़ में नई आरक्षण लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में 76 प्रतिशत आरक्षण होने की स्थिति निर्मित हो जाएगी।

सीएम भूपेश को भरोसा, हो जायेंगे राज्यपाल के हस्ताक्षर

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर लगी रोक अभी भी बहाल नहीं हुई है। हालाकिं कांग्रेस की सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करके आरक्षण पर नया कानून लाया है, जिसपर राज्यपाल के हस्ताक्षर होना बाकी है।

शुक्रवार की रात्रि भूपेश सरकार के मंत्री रविंद्र चौबे, मो. अकबर विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक सदन में पेश होने बाद इसे राज्यपाल के पास लेकर पहुंचे थे। जिसपर राज्यपाल ने अभी तक हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उम्मीद जताई है कि राज्यपाल जरूर विधेयक पर अपने हस्ताक्षर करेंगी। सोमवार को राज्यपाल के दस्तखत किये जाने के बयान पर सीएम ने कहा कि अच्छी बात है, स्वागत है।

क़ानूनी सलाह के बाद करेंगी राज्यपाल हस्ताक्षर
राज्यपाल अनुसुईया उइके ने शनिवार को विधेयक पर हस्ताक्षर को लेकर मीडिया को जवाब दिया कि विधेयक के बारे में पूरी तरह से परीक्षण किया जायेगा है। पूरी प्रक्रिया का पालन होने के बाद वह सचिवलाय से क़ानूनी सलाहकार के पास जायेगा, वह विधेयक देखकर मेरे पास भेजते हैं। ऐसा नहीं होता कि विधानसभा में विधेयक पारित हुआ और मैं हस्ताक्षर कर दूं।

उन्होंने कहा कि आज शनिवार है। मेरे क़ानूनी सलाहकार छुट्‌टी पर हैं। रविवार बीतेगा, तब सोमवार को मैं हस्ताक्षर करूंगी। राजयपाल ने आगे कहा कि मैंने पहले ही कहा है कि इस प्रकरण में मेरा सकारात्मक सहयोग मिलेगा। मैं विधानसभा के सदस्यों, पक्ष और पक्ष के सभी विधायकों को धन्यवाद देती हूं।

अनुसूचित जनजाति वर्ग को मिलेगा 32 प्रतिशत आरक्षण

गौरतलब है कि आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार ने 1 और 2 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था। शुक्रवार को विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक पास हो गया। इस विधेयक पारित होने के बाद राज्यपाल के हस्ताक्षर होते ही यह विधेयक अधिनियम बन जाएंगे। इस विधेयक के अनुसार राज्य सरकार अनुसूचित जनजाति (ST) को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति वर्ग (SC) को 13 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27 प्रतिशत और आर्थिकर रूप से कमजोर (EWS) को चार प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव दिया था।

नेता प्रतिपक्ष चंदेल ने कही यह बात
छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने आरक्षण पर प्रस्तुत हुए विधेयक पर कहा कि आरक्षण के प्रति कांग्रेस की नियत में खोट है इसमें कोई शक नहीं है इसके कई प्रमाण मौजूद है कांग्रेस सरकार पहले से लागू 58 प्रतिशत आरक्षण बचा नही पाई।

उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के आरक्षण को 16 प्रतिशत करने एवम पूरे देश में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के आरक्षण को 10 प्रतिशत करने के प्रस्ताव जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने भी सहमति दी है, को न मानकर भी कांग्रेस ने ये स्पष्ट किया कि वो किसी वर्ग को आरक्षण देने के हितेशी नही है। कांग्रेस की बदनीयती ने हर वर्ग को निराश किया है आरक्षण के साथ साथ कांग्रेस की विफलता से प्रमोशन में भी आरक्षण पर रोक लगी, कांग्रेस के रहते आरक्षण कभी सुचारू रूप से लागू नही हो सकता।

यह थी स्थिति: यह भी जानना जरुरी है कि राज्यपाल के विधेयक पर हस्ताक्षर करने के बाद आरक्षण तत्काल प्रभाव से 76 % लागू हो जाएगा, जिसके बाद छत्तीसगढ़ के स्कूल कॉलेज और सभी संस्थानों में आरक्षण रोस्टर जारी किया जा सकेगा। अब छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति के लिए 32%, अनुसूचित जाति के लिए 13%, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27% और ईडब्ल्यूएस के लिए 4% हो जायेगा।

दरअसल छत्तीसगढ़ में 19 सितंबर तक 68 प्रतिशत आरक्षण लागू था। जिसमें अनुसूचित जाति को 12% अनुसूचित जाति को 32% और अन्य पिछड़ा वर्ग को 14% आरक्षण दिया गया था। इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10% आरक्षण की व्यवस्था थी। 19 सितंबर को बिलासपुर हाईकोर्ट के फैसले के बाद राज्य में आरक्षण शून्य हो गया था।

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