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बिलासपुर

बिलासपुर: अफसर ने सास को बनाया बिल्डर…सरकंडा क्षेत्र में करोड़ों रुपए की बेशकीमती जमीन को अवैध प्लाटिंग कर बिकवाया…कांग्रेस शासनकाल में हुआ यह काला कारोबार…क्या एमएलए सुशांत की चिट्‌ठी से खुलेगा राज…भाग 1

बिलासपुर। कुछ अफसर अपने पॉवर का किस तरह से इस्तेमाल करते हैं, इसका एक नमूना नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत स्थित सरकंडा क्षेत्र में देखने को मिला है। बिलासपुर में पदस्थापना मिलते ही दामाद ने अपनी सास को बिल्डर बना दिया। उसके नाम पर एक फर्म बनाई गई, जिसमें सरकारी नौकर ससुर का नाम छिपा दिया गया और फर्म में सास के पति की जगह पर उनके पिता का नाम दर्ज कराया गया। यह साजिश सिर्फ इसलिए रची गई, क्योंकि सरकंडा क्षेत्र स्थित करोड़ों रुपए की बेशकीमती जमीन को बेचना था और अफसर के कार्यकाल में यहां की 70-80 प्रतिशत जमीन को टुकड़ों में बेच दिया गया। अब उसी फर्म के सहारो बिलासपुर शहर के आसपास धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग कर बिक्री की जा रही है। यह सारा काला कारोबार कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुआ है। दरअसल, अफसर भी कांग्रेस सरकार के करीबी रहे हैं, जिसका उन्होंने भरपूर फायदा उठाया।

हमारे पास उपलब्ध दस्तावेज के अनुसार बिलासपुर निवासी गीता पांडेय पति आदित्य नारायण पांडेय के नाम पर वर्तमान में शहर के कई इलाकों में बेशकीमती जमीन है। अलग-अलग इलाकों में दर्ज जमीन में उनका पता भी अलग-अलग दर्ज है। सरकंडा क्षेत्र में इनके नाम पर खसरा नंबर 67 में अच्छा-खासा जमीन दर्ज थी। पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में अफसर दामाद की पदस्थापना जैसे ही बिलासपुर में हुई। सरकंडा क्षेत्र स्थित जमीन को टुकड़ों में बेचने के लिए रणनीति बनाई गई। चूंकि गीता पांडेय के पति आदित्यनारायण पांडेय भी सरकारी सेवक हैं। अलबत्ता जमीन बेचने में सरकारी नियम आड़े आ रहा था। दामाद अफसर ने इसका भी तोड़ निकल लिया और एक फर्म बनवाई, जिसमें सास के अलावा ससुर के साथ काम करने वाले एक अन्य सरकारी कर्मचारी की पत्नी को भी इसका भागीदार बनवाया गया। मजेदार बात यह है कि रजिस्टर्ड फर्म में सास का नाम तो है, लेकिन ससुर के नाम को छिपाते हुए सास के पिता का नाम अंकित कराया गया है। यही चाल दूसरे सरकारी कर्मचारी की पत्नी के साथ किया गया। यानी कि उस भागीदार के नाम के साथ उनके पिता का नाम अंकित कराया गया है। सरकंडा क्षेत्र की जमीन इस फर्म में ट्रांसफर की गई और अफसर दामाद की शह पर 70-80 प्रतिशत जमीन को टुकड़ों में बेच दिया गया।

नगर निगम ने कभी नहीं की कार्रवाई

कांग्रेस शासनकाल में नगर निगम ने अवैध प्लाटिंग पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी, लेकिन इस कार्रवाई की आंच तक खसरा नंबर 67 पर दर्ज जमीन की अवैध प्लाटिंग तक नहीं पहुंच सकी। दरअसल, पॉवरफुल दामाद के कारण किसी ने इन्हें नोटिस देने की हिम्मत तक नहीं जुटाई। आज भी इसी फर्म के नाम पर लगातार अवैध प्लाटिंग की जा रही है। हालांकि दामाद अफसर की पदस्थापना अब दूसरे जिले में है, जहां से वे अपने पॉवर का इस्तेमाल करते हुए अवैध प्लाटिंग को शह दे रहे हैं।

बेलतरा विधायक सुशांत ने सीएम को लिखी है चिट्‌ठी

बेलतरा के युवा विधायक सुशांत शुक्ला अपने क्षेत्र में अवैध कारोबार को लेकर सख्त हैं। विधायक बनने के बाद उन्होंने क्षेत्र में हो रहे अवैध उत्खनन और परिवहन के खिलाफ मोर्चा खोला। अवैध प्लाटिंग को लेकर भी वे नाराज चल रहे हैं। हाल ही में उन्होंने सीएम को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने बिलासपुर जिले में हो रही अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कांग्रेस शासनकाल में हुई अवैध प्लाटिंग की जांच कराने की मांग की है। अलबत्ता, यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि विधायक शुक्ला की मांग के अनुसार कांग्रेस शासनकाल में जिले में हुई अवैध प्लाटिंग की जांच हुई तो कई बड़े खुलासे होंगे।

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