छत्तीसगढ़

CG: राजस्व मंत्री से बैठक के बाद पटवारियों का हड़ताल खत्म, मंत्री ने कहा…आज से ही काम पर लौटने का लिया फैसला…

CG: Patwaris strike ends after meeting with Revenue Minister, minister says... I decided to return to work from today...

रायपुर। पटवारियों की हड़ताल खत्म हो गई है. राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा से मुलाकात के बाद पटवारियों ने आज से ही काम पर लौटने का फैसला लिया. बताया जा रहा कि पटवारियों की मांग पर बनी सहमति बन गई है. मंत्री टंकराम ने कहा, सभी पटवारी आज से काम शुरू करेंगे. पहले भी चर्चा हुई थी. वो सार्थक नहीं हो पाई थी. आज सार्थक चर्चा हुई है. मंत्री वर्मा ने कहा, भुइयां एप मामले में भी चर्चा हुई है. गलती अपने से नहीं करते हैं. इस पर भी सुधार किया जाएगा. वहीं तहसीलदारों के 22 तारीख तक आश्वासन को लेकर मंत्री ने कहा, वो काम पर लौट गए हैं. मांग पर सहमति बनी है, वो काम करेंगे.

ओलंपिक योजना बंद कर क्रीड़ा योजना से जोड़ा जाएगा, इस मामले में मंत्री टंकराम ने कहा, उसकी जगह पर दूसरी योजना कई है. इसका व्यापक रूप रहेगा. ग्रामीण प्रतिभा को योजना के तहत आगे बढ़ाएंगे. उत्कृष्ठ खिलाड़ियों को नौकरी मिलने को लेकर उन्होंने कहा, हमारी अभी समिति की बैठक होगी, जिसमें इस विषय को रखेंगे. भाजपा कार्यकाल में ही खिलाड़ियों के हित में काम शुरू हुआ था.

संघ की मांग: संघ का कहना है कि ऑफिस में ऑनलाइन कामों के लिए कंप्यूटर, इंटरनेट, प्रिंटर, स्कैनर जैसे अन्य सुविधाएं उन्हें नहीं मिल रही है। डिजिटल हस्ताक्षर 100 प्रतिशत करने के लिए शासन स्तर पर दबाव बनाया जाता है। पटवारी अपने खर्च से ही डिजिटल टोकन बनाते हैं, इसके बाद भी अधिकारियों द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। आनलाइन रजिस्ट्री होने के बाद नामांतरण के लिए पटवारी की आईडी में आता है, जिसमें क्रेता-विक्रेता से संबंधित सारी जानकारी अंग्रेजी में रहती है। जिसे हिंदी में टाइप करना पड़ता है। लिपिकीय त्रुटि हो सकती है, जिसके लिए पटवारी को ही दोषी समझा जाता है। इनका आरोप ये भी है कि शासन की तरफ से न तो उन्हें नेट भत्ता दिया जाता है और न ही आवश्यक संसाधन दिया जा रहे है।

पटवारियों ने ये भी मांग की है कि भूमि, खरीद-बेच में रजिस्ट्री के साथ ही भुइंया पोर्टल पर भी इसे अपडेट किया जाना चाहिए। ऑनलाइन नक्शा, बटांकन, संशोधन पहले पटवारी आईडी में संशोधित कर राजस्व निरीक्षक की आईडी में भेजा जाता है। अगर राजस्व निरीक्षक की आईडी से अनुमोदन नहीं होता है, तो उसी नक्शे से संबंधित अन्य बटांकन या संशोधन नहीं करने मिलता है, जिसके कारण बेवजह विलंब होता है।

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