बिलासपुर। कोनी क्षेत्र में बन रहा अत्याधुनिक मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल छत्तीसगढ़ राज्य के स्वास्थ्य ढांचे में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने हाल ही में इस अस्पताल का निरीक्षण किया और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी निर्माण कार्य, उपकरणों की खरीदी और आवश्यक स्टाफ भर्ती 31 अक्टूबर 2024 तक पूरी करने के निर्देश दिए, ताकि राज्य स्थापना सप्ताह के दौरान इसका भव्य उद्घाटन किया जा सके।
यह अस्पताल केन्द्र और राज्य सरकार की संयुक्त वित्तीय साझेदारी से लगभग 200 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहा है। दस मंजिला इस अस्पताल में 240 बेड की सुविधा होगी, जो खास तौर पर छह प्रमुख और गंभीर रोगों के इलाज के लिए समर्पित है। अस्पताल में नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, सीटीवीएस (कार्डियो थोरासिक वस्कुलर सर्जरी), न्यूरोलॉजी और न्यूरो सर्जरी जैसे विभाग होंगे, जो इसे अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस बनाते हैं। इस अस्पताल के माध्यम से राज्य के लोगों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध होंगी, जो अब तक केवल बड़े महानगरों में ही उपलब्ध होती थीं।
अस्पताल का निर्माण केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है, और उपकरणों की खरीदी केंद्र सरकार की एजेंसी हाईट्स के माध्यम से की जा रही है। मंत्री जायसवाल ने निर्माणाधीन अस्पताल की सभी मंजिलों का निरीक्षण किया। अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर में रेडियोलॉजी और आकस्मिक सेवाओं की सुविधा होगी, जबकि पहली और दूसरी मंजिल पर ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) होगा। तीसरी मंजिल पर प्रशासनिक कार्यालय होंगे, चौथी मंजिल पर अत्याधुनिक ऑपरेशन थियेटर और कैथलैब की व्यवस्था की जाएगी। पांचवी मंजिल पर सेवा विभाग होंगे और छठवीं से दसवीं मंजिल तक मेडिकल वार्ड होंगे, जिनमें मरीजों के लिए बेहतरीन इलाज की सुविधा होगी।
अस्पताल में सुरक्षा मापदंडों को लेकर भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है। मंत्री ने फायर ऑडिट और लिफ्ट की ऑडिट करवाने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति में अस्पताल पूरी तरह से सुरक्षित हो। इसके साथ ही, उन्होंने अस्पताल के संचालन से पहले ट्रायल रन करने का आदेश दिया, जिससे प्रारंभिक चरण में संभावित खामियों की पहचान की जा सके और उन्हें समय रहते सुधारा जा सके।
मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल के नजदीक ही एक कैंसर इंस्टीट्यूट का भी निर्माण किया जा रहा है, जिसे मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसके अलावा, सिम्स (छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान) के नए भवन का निर्माण भी इसी परिसर में होगा, जिसके लिए राज्य सरकार ने 700 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। यह परियोजना न केवल राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करेगी, बल्कि छत्तीसगढ़ को चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का काम करेगी।
इस परियोजना के पीछे स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की दूरदृष्टि और समर्पण स्पष्ट है। उनके नेतृत्व में अस्पताल के निर्माण और संचालन में पूरी पारदर्शिता और गति सुनिश्चित की जा रही है। जायसवाल के साथ विधायक सुशांत शुक्ला, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, चिकित्सा शिक्षा कमिश्नर किरण कौशल, स्वास्थ्य संचालक ऋतुराज रघुवंशी और अन्य उच्च अधिकारी भी इस परियोजना की देखरेख कर रहे हैं।
इस मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल के पूरा होने से बिलासपुर और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं अपने ही राज्य में उपलब्ध होंगी। यह न केवल राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में एक बड़ा कदम होगा, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगा।