
बिलासपुर से एक बेहद दुखद और चिंताजनक घटना सामने आई है, जहां निजी अस्पताल की लापरवाही और अवैध वसूली के चलते एक युवती की मौत हो गई। यह घटना बिलासपुर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र स्थित श्री साई अस्पताल की है, जहां इलाज में अनदेखी और बेवजह की वसूली के आरोप लगे हैं।
सड़क दुर्घटना में सिर पर चोट लगने के बाद युवती को 24 सितंबर को श्री साई अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसका इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत चल रहा था। परिजनों के अनुसार, अस्पताल प्रशासन ने इलाज के नाम पर 9 दिनों के भीतर कई किस्तों में 50 हजार रुपये वसूल किए। यह राशि आयुष्मान योजना के बावजूद नकद ली गई, जबकि अस्पताल प्रशासन ने बिल देने से साफ इंकार कर दिया।
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने इलाज में लापरवाही बरती और समय पर उचित उपचार नहीं दिया गया। 9 दिनों तक इलाज के बाद भी युवती की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और अंततः उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि अस्पताल ने पहले से ही आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने का वादा किया था, लेकिन इसके बावजूद उनसे भारी भरकम राशि वसूली गई।
युवती की मौत के बाद अस्पताल परिसर में परिजनों ने जमकर हंगामा किया। वे अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। परिजनों का कहना है कि अस्पताल द्वारा की गई लापरवाही के चलते उनकी बेटी की जान गई है और उन्हें न्याय मिलना चाहिए।
इस घटना के बाद क्षेत्र के स्थानीय लोगों में आक्रोश है। परिजन और स्थानीय लोग सिविल लाइन थाने में पहुंचकर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। परिजनों ने पुलिस से गुहार लगाई है कि अस्पताल प्रशासन को युवती की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए और उन्हें सजा दी जाए।
इस घटना ने एक बार फिर से निजी अस्पतालों की जवाबदेही और उनकी सेवाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आयुष्मान योजना जैसे सरकारी कार्यक्रमों के बावजूद, गरीब और सामान्य लोगों से पैसे वसूलने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। यह घटना भी स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को दर्शाती है, जो आम लोगों के जीवन को खतरे में डाल रही हैं।