
बिलासपुर, 2 अक्टूबर 2024: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 155वीं जयंती के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उपस्थित लोगों को गांधी जयंती की बधाई दी।
चीफ जस्टिस ने अपने उद्बोधन में महात्मा गांधी के विचारों, मूल्यों और उनके आदर्शों की सार्वभौमिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गांधी जी के सिद्धांतों और विचारों की प्रासंगिकता आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी उनके जीवनकाल में थी। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि गांधी जी के आदर्शों को केवल जयंती के अवसर पर ही नहीं, बल्कि रोजमर्रा के जीवन में भी आत्मसात करें। चीफ जस्टिस ने कहा कि राष्ट्रपिता के विचारों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब हम उन्हें अपने कार्य, आचरण और जीवनशैली में उतारें।
कार्यक्रम में चीफ जस्टिस ने गांधी जी के स्वच्छता अभियानों की सराहना करते हुए बताया कि आज का दिन ‘स्वच्छ भारत दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता केवल बाहरी साफ-सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे मन, वचन और कर्म में भी शामिल होनी चाहिए। चीफ जस्टिस ने सभी को स्वच्छता अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने और इसे अपनी दैनिक जिम्मेदारी मानने का संदेश दिया।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायालय परिसर में ‘स्वच्छता ही सेवा 2024’ अभियान के तहत स्वच्छता प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। चीफ जस्टिस ने इस अवसर पर मीडिएशन सेंटर, वर्क अनुभाग और सेंटर फाइलिंग अनुभाग को उनके स्वच्छता मानकों के लिए सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह स्वच्छता अभियान न केवल उच्च न्यायालय परिसर को स्वच्छ और सुगम बनाने में मदद करता है, बल्कि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को भी स्वच्छता के प्रति जागरूक करता है।
इस कार्यक्रम में उच्च न्यायालय के अन्य माननीय न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं, और न्यायालय के कर्मचारियों ने भी भाग लिया। न्यायालय परिसर में स्वच्छता और गांधी जी के आदर्शों पर आधारित यह कार्यक्रम समर्पण और प्रेरणा का प्रतीक रहा, जिसमें सभी ने गांधी जी के विचारों को अपनाने और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
इस प्रकार, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में गांधी जयंती पर आयोजित इस विशेष कार्यक्रम ने महात्मा गांधी के विचारों, आदर्शों और स्वच्छता के प्रति उनके दृष्टिकोण को समाज में पुनर्स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास किया।