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CG NEWS: प्रधान आरक्षक के पत्नी और बेटी की हत्या से आक्रोश, भीड़ ने एसडीएम को पीटा, आरोपी के घर को लगाई आग…सियासत की लहर…

छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में घटित एक हृदयविदारक घटना ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। एक प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी गई, जिसके बाद प्रदेश में गुस्से और आक्रोश की लहर दौड़ पड़ी है। यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठा रही है, बल्कि इसके राजनीतिक आयाम भी सामने आने लगे हैं। इस हत्याकांड के बाद जहां स्थानीय लोग आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, वहीं विपक्षी दल भी राज्य की सरकार पर निशाना साध रहे हैं।

सूरजपुर जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में यह जघन्य घटना घटी, जहां एक प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई। आरोप है कि कुलदीप साहू नामक व्यक्ति ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि देर रात इस घटना को अंजाम दिया गया और दोनों के शव 5 किमी दूर एक खेत में मिले। इस क्रूर हत्याकांड के बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी है, लेकिन अभी तक हत्या के पीछे के कारणों का स्पष्ट खुलासा नहीं हो पाया है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह अंदेशा जताया जा रहा है कि आरोपी ने पुलिस की गिरफ्तारी से बदला लेने की भावना से यह हत्या की है।

घटना के समय प्रधान आरक्षक ड्यूटी पर थे, और जब वे देर रात घर लौटे तो उन्हें बाहर खून के निशान मिले। घर के अंदर जाकर उन्होंने देखा कि उनकी पत्नी और बेटी गायब हैं, जिसके बाद उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और व्यापक जांच के बाद दोनों के शव खेत में पाए गए।

इस जघन्य हत्याकांड से नाराज स्थानीय लोगों ने आरोपी कुलदीप साहू के घर पर हमला कर दिया और उसके घर को आग के हवाले कर दिया। गुस्साई भीड़ ने मौके पर मौजूद एसडीएम की भी पिटाई कर दी। हालांकि, इस हिंसा के दौरान आरोपी का परिवार घर में मौजूद था, लेकिन पुलिस ने उन्हें सुरक्षित निकालकर थाने पहुंचाया। यह घटना बताती है कि समाज में इस अपराध के प्रति कितना गहरा गुस्सा है, और लोग न्याय की मांग को लेकर किस हद तक जा सकते हैं।

इस घटना ने राजनीतिक स्तर पर भी हड़कंप मचा दिया है। विपक्षी दल भाजपा ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर कड़े हमले शुरू कर दिए हैं। पूर्व मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ एक भयावह अपराध प्रदेश में तब्दील हो चुका है। उन्होंने सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि अपराधियों को या तो कानून का डर नहीं है या फिर उन्हें सरकार का समर्थन प्राप्त है। सिंहदेव ने यह भी सवाल उठाया कि जब पुलिसकर्मी का परिवार ही सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की स्थिति क्या होगी?

सूरजपुर की इस दर्दनाक घटना ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। राज्य में बढ़ते अपराधों की वजह से न केवल आम नागरिकों में असुरक्षा की भावना पैदा हो रही है, बल्कि सरकार की प्रशासनिक क्षमताओं पर भी सवाल उठने लगे हैं। प्रदेश में राजनीतिक दलों के बीच बढ़ते आरोप-प्रत्यारोप ने इस समस्या को और जटिल बना दिया है।

सूरजपुर की इस घटना ने राज्य की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति को झकझोर कर रख दिया है। जहां एक ओर पीड़ित परिवार के लिए न्याय की मांग जोर पकड़ रही है, वहीं दूसरी ओर इस हत्याकांड ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में किस तरह की कार्रवाई करता है और क्या राज्य की राजनीति इस मामले में कोई ठोस समाधान निकाल पाएगी, या फिर यह घटना भी राजनीतिक आरोपों की भेंट चढ़ जाएगी।

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