बिलासपुर शहर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें सिंधी समाज के कई लोग एक सेवादार द्वारा तंत्र-मंत्र, भूत-प्रेत का डर दिखाकर और स्टॉक मार्केटिंग में पैसे दोगुना करने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी का शिकार हो गए हैं। यह मामला चकरभाठा स्थित गुरुद्वारा से जुड़ा है, जहां पर तत्कालीन सेवादार ने समाज के लोगों की धार्मिक आस्थाओं का गलत फायदा उठाया और उनके विश्वास को धोखा दिया।
शिकायतकर्ता सिंधी समाज के लोग बताते हैं कि सेवादार ने पहले उन्हें स्टॉक मार्केटिंग के माध्यम से पैसे दोगुना करने का लालच दिया और फिर तंत्र-मंत्र तथा भूत-प्रेत के डर का हवाला देकर बड़ी रकम ऐंठ ली। इसके चलते कई परिवारों ने अपनी जमा-पूंजी और कड़ी मेहनत से कमाई हुई रकम उसे सौंप दी। विशेष रूप से उन परिवारों को निशाना बनाया गया जो अपने बच्चों के भविष्य और स्वास्थ्य को लेकर चिंतित थे, और उन्हें बताया गया कि उनके बच्चों पर भूत-प्रेत का साया है, जिसे हटाने के लिए विशेष तंत्र-मंत्र की आवश्यकता है।
इस ठगी की कहानी यहीं पर खत्म नहीं हुई। सेवादार ने स्टॉक मार्केटिंग के नाम पर समाज के कई युवाओं से लाखों रुपये का निवेश करवा लिया, यह वादा करते हुए कि उनकी रकम जल्द ही दोगुनी हो जाएगी। लेकिन जब इन निवेशकों ने लाभ की उम्मीद में रकम वापस मांगी, तो उन्हें एहसास हुआ कि वे धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं।
इस ठगी के जाल में फंसे हुए लोगों का कहना है कि सेवादार ने समाज से 50 लाख रुपये तक का चंदा इकट्ठा कर एक भव्य गुरुद्वारा बनाने की परियोजना शुरू की थी, जिसमें कई व्यापारियों ने आर्थिक योगदान दिया था। लेकिन बाद में यह सारा चंदा एक सोची-समझी धोखाधड़ी का हिस्सा साबित हुआ।
सिविल लाइन थाना पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और उच्च अधिकारियों के निर्देश पर जांच शुरू की। थाना पुलिस ने दीपक केवलानी, राजा जनक्यानी और अजय भेरानी के खिलाफ धारा 420 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। पीड़ितों के अनुसार, इन आरोपियों ने धोखाधड़ी कर कुल 82,28,570 रुपये की रकम हड़प ली है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
यह घटना यह साबित करती है कि धार्मिक आस्थाओं और विश्वास का गलत फायदा उठाकर समाज के भोले-भाले लोगों को ठगने की घटनाएं कभी-कभी बेहद गंभीर रूप ले सकती हैं। अब देखना यह होगा कि पुलिस जांच में क्या निष्कर्ष निकलते हैं और दोषियों को सजा दिलाई जा सकेगी या नहीं।
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