बिलासपुर। पंजाबियत और पंजाबी संस्कृति को सहेजने और समाजसेवा में अग्रणी भूमिका निभाने वाली पंजाबी संस्था, बिलासपुर अपना 58वां स्थापना दिवस 28 दिसंबर को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाने जा रही है। यह समारोह गोविंदम पैलेस, रिंग रोड-2 पर आयोजित होगा, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री और विधायक अमर अग्रवाल विशेष रूप से शामिल होंगे।
संस्था ने इस बार के स्थापना दिवस को एक महापर्व का स्वरूप दिया है। इस भव्य आयोजन का मुख्य आकर्षण गिद्दा और भांगड़ा जैसे पंजाब के पारंपरिक लोकनृत्य होंगे। इसके अलावा, संगीतमय सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी इस कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए तैयार की गई हैं।
संस्था के अध्यक्ष अशोक ऋषि ने प्रेस वार्ता में जानकारी दी कि इस मौके पर ‘धरोहर’ नामक स्मारिका का विमोचन किया जाएगा। इसमें संस्था के स्थापना काल से अब तक के गौरवशाली इतिहास, समाजसेवा के कार्यों, भविष्य की योजनाओं और विचारोत्तेजक लेखों के साथ बिलासपुर के पंजाबी परिवारों की जानकारी प्रकाशित की गई है। यह स्मारिका पंजाबी संस्कृति और समाज की समृद्ध धरोहर का प्रतिनिधित्व करेगी।
संस्था ने इस अवसर को सर्व-समाज समभाव का प्रतीक बनाने के लिए शहर के विभिन्न समाज प्रमुखों और राष्ट्रीय पंजाबी महासंघ व छत्तीसगढ़ पंजाबी सनातन सभा के पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया है। कार्यक्रम के दौरान समाज के प्रतिभाशाली व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा, जो समाजसेवा, शिक्षा, कला और संस्कृति के क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुके हैं।
पंजाबी संस्था ने मानवता की सेवा को अपने मूल धर्म के रूप में अपनाया है। संस्था द्वारा वर्षों से जनहित में किए गए कार्य इसे समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनाते हैं।
- – निःशुल्क ऑक्सीजन सिलेंडर, पेशेंट बेड, व्हीलचेयर और शव-वाहन सेवाएं।
- – जरूरतमंदों को कंबल वितरण, ग्रीष्मकाल में लस्सी और शीतल पेय का वितरण।
- – चरण पादुका वितरण और मतदाता जागरूकता जैसे कार्यक्रम।
- – योग शिविर और स्वास्थ्य कैंप का आयोजन।
संस्था हर वर्ष लोहड़ी जैसे पारंपरिक त्योहारों को बड़े हर्षोल्लास और सामुदायिक भावना के साथ मनाती है। यह न केवल पंजाबी संस्कृति को जीवित रखती है, बल्कि समाज में आपसी सौहार्द और एकता को भी मजबूत करती है।
स्थापना दिवस का यह समारोह न केवल संस्था के गौरवशाली अतीत का उत्सव है, बल्कि आने वाले वर्षों में समाजसेवा के नए अध्याय लिखने का वादा भी है। पंजाबी संस्था का यह प्रयास बिलासपुर शहर के लिए एक मिसाल है और अन्य संगठनों को भी समाजसेवा के प्रति प्रेरित करता है।
अंत में, इस भव्य समारोह के आयोजन से पंजाबी संस्था अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और समाजसेवा में अपनी प्रतिबद्धता को और भी मजबूती से स्थापित करेगी।