बिलासपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस की आपातकालीन सेवा डायल-112 सिर्फ अपराध नियंत्रण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सेवा मानवीय मूल्यों का उदाहरण भी बन चुकी है। हाल ही में बिलासपुर जिले में डायल-112 ने जो कार्य किया, उसने यह साबित कर दिया कि यह सेवा समाज के हर जरूरतमंद वर्ग की मदद के लिए तत्पर है।
दिनांक 28 दिसंबर 2024 को बिलासपुर के रिंग रोड 2 क्षेत्र में एक विकलांग एवं मूक-बधिर व्यक्ति ठंड से कांपता हुआ सड़क पर पड़ा हुआ था। सूचना मिलते ही सिविल लाइन थाने के डायल-112 टीम के आरक्षक राकेश कान्छी और चालक रमेश साहू ने तत्परता दिखाते हुए घटनास्थल पर पहुंचकर उस व्यक्ति की मदद की। ठंड और भूख से बेहाल उस 35 वर्षीय युवक को तुरंत सिम्स अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज कराया गया।
परिजनों की तलाश और पुनर्मिलन
डायल-112 टीम ने इस मानवीय कार्य को यहीं समाप्त नहीं किया। युवक के परिजनों का पता लगाने के लिए आसपास के क्षेत्रों में उसका फोटो दिखाकर जानकारी जुटाई। अंततः यह पता चला कि वह व्यक्ति मिनी बस्ती का निवासी है। पुलिस टीम ने उसके घर पहुंचकर उसकी मां को सूचना दी कि उनका पुत्र अस्पताल में सुरक्षित है। अपने बेटे को सही-सलामत देखकर मां की आंखों में खुशी और चेहरे पर मुस्कान लौट आई।
पुलिस अधीक्षक ने की प्रशंसा
इस मानवीय कार्य के लिए बिलासपुर पुलिस अधीक्षक ने डायल-112 टीम की सराहना की और उन्हें पुरस्कृत किया। यह घटना पुलिस सेवा के प्रति लोगों का विश्वास और बढ़ाने वाली साबित हुई है।
जनता के लिए अपील
बिलासपुर पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि किसी भी आपातकालीन स्थिति, दुर्घटना, अपराध या अन्य आवश्यकता पर तुरंत डायल-112 पर संपर्क करें। पुलिस आमजन की सुरक्षा और सहायता के लिए हर समय तैयार है।
डायल-112: सेवा का उद्देश्य
डायल-112 छत्तीसगढ़ की एक अत्यंत उपयोगी और लोक-कल्याणकारी सेवा है। यह सेवा न केवल अपराध नियंत्रण में बल्कि मानवीय संकटों में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। ऐसे उदाहरण समाज में पुलिस की सकारात्मक छवि प्रस्तुत करते हैं और मानवता की भावना को बढ़ावा देते हैं।
यह घटना न केवल डायल-112 की तत्परता का प्रमाण है, बल्कि यह दर्शाती है कि छत्तीसगढ़ पुलिस आम जनता के जीवन की सुरक्षा और उनकी समस्याओं के समाधान के प्रति कितनी प्रतिबद्ध है।