Wednesday, March 26, 2025
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भाजपा उम्मीदवार एल पदमजा ऊर्फ पूजा विधानी के जाति प्रमाण पत्र पर सवाल: हाईकोर्ट में चुनौती से बढ़ी मुश्किलें

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के नगरीय निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महापौर पद की उम्मीदवार एल पदमजा ऊर्फ पूजा विधानी के जाति प्रमाण पत्र को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के महापौर पद के प्रत्याशी आकाश मौर्य ने इस मुद्दे को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने अधिवक्ता लवकुश साहू के माध्यम से याचिका दायर कर अदालत से तत्काल सुनवाई की मांग की है। हाईकोर्ट रजिस्ट्री ने इस आवेदन को पंजीकृत कर लिया है, जिससे भाजपा उम्मीदवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

याचिका में क्या कहा गया है?

याचिका में कहा गया है कि भाजपा प्रत्याशी एल पदमजा विधानी के ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) जाति प्रमाण पत्र से जुड़े दस्तावेज निर्वाचन अधिकारी (RO) द्वारा उपलब्ध नहीं कराए गए। इस कारण बसपा उम्मीदवार ने हाईकोर्ट का रुख किया है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि उन्होंने संबंधित दस्तावेजों की मांग की थी, लेकिन उन्हें नहीं दिया गया। अब इस मामले में हाईकोर्ट से मंगलवार को सुनवाई की उम्मीद है।

कांग्रेस भी उठा चुकी है सवाल

इस जाति प्रमाण पत्र विवाद को लेकर कांग्रेस भी हमलावर रही है। पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि पूजा विधानी का जाति प्रमाण पत्र आंध्र प्रदेश का है, जिसे छत्तीसगढ़ में मान्यता नहीं मिल सकती। कांग्रेस ने इस आधार पर निर्वाचन आयोग में आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन आयोग ने इसे खारिज कर दिया था।

भाजपा उम्मीदवार का पक्ष

एल पदमजा विधानी ने अपने जाति प्रमाण पत्र को 1995 में जारी हुआ वैध प्रमाण पत्र बताया है। उन्होंने दावा किया कि यह प्रमाण पत्र सभी नियमों के तहत बना है और उनकी ओबीसी पहचान पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता।

चुनाव के बाद भी जारी रह सकता है विवाद

हालांकि निर्वाचन आयोग द्वारा आपत्ति को खारिज किए जाने के बावजूद यह मुद्दा खत्म नहीं हुआ है। चुनावी प्रक्रिया के बाद भी इस पर कानूनी लड़ाई जारी रहने की संभावना है। हाईकोर्ट का फैसला इस मामले में महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि यह निर्णय आगे के राजनीतिक समीकरणों को भी प्रभावित कर सकता है।

क्या हो सकता है असर?

  1. अगर कोर्ट में याचिका सफल होती है, तो भाजपा उम्मीदवार की उम्मीदवारी पर संकट आ सकता है।
  2. अगर कोर्ट भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में फैसला देता है, तो कांग्रेस और बसपा की आपत्तियों को झटका लगेगा।
  3. जाति प्रमाण पत्र को लेकर कानूनी विवाद भविष्य में अन्य चुनावों के लिए भी एक नज़ीर बन सकता है।

छत्तीसगढ़ के नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा उम्मीदवार पूजा विधानी का जाति प्रमाण पत्र राजनीतिक विवाद का केंद्र बन चुका है। कांग्रेस और बसपा ने इसे मुद्दा बनाकर भाजपा पर दबाव बढ़ाने की कोशिश की है। अब हाईकोर्ट में दायर याचिका से इस विवाद ने कानूनी मोड़ ले लिया है। आने वाले दिनों में इस पर कोर्ट का फैसला न केवल चुनाव परिणामों, बल्कि भविष्य की राजनीति को भी प्रभावित कर सकता है।

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