बिलासपुर, 26 अप्रैल – कश्मीर के खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम में निर्दोष सैलानियों पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हर कोने से इसकी निंदा की जा रही है और आतंकवाद के खिलाफ आवाजें बुलंद हो रही हैं। इसी कड़ी में बिलासपुर अग्रवाल समाज ने भी इस जघन्य हमले के विरोध में एक मौन कैंडल मार्च का आयोजन कर न सिर्फ शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश भी दिया।
शुक्रवार शाम 6:30 बजे यह मौन यात्रा पुराना बस स्टैंड से शुरू होकर शहीद स्मारक, CMD चौक तक पहुँची। सैकड़ों की संख्या में समाज के बंधु, महिलाएं और युवा इस शांति मार्च में शामिल हुए। हाथों में मोमबत्तियाँ, भारत माता की जय, वंदे मातरम, आतंकवाद मुर्दाबाद और निर्दोषों के प्रति श्रद्धांजलि की तख्तियाँ लेकर लोगों ने पूरे मार्ग में शांति और संवेदना का वातावरण बनाए रखा।
अग्रवाल सभा के अध्यक्ष रामअवतार अग्रवाल ‘रामू भैया’ ने शहीद स्मारक पर सभी की ओर से मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा,
“आतंकवाद की यह कायराना हरकत न देश स्वीकार करेगा, न समाज। भारत सरकार जो भी कड़े कदम उठा रही है, अग्रवाल समाज और समस्त देशवासी उसके साथ हैं।”
कार्यक्रम में 2 मिनट का मौन रखकर मृत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी गई और उनके परिजनों को इस दुख को सहने की शक्ति मिले, इसके लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई।
समाज के वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि अब समय आ गया है जब सभी हिंदुओं को एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना होगा। आतंकवाद धर्म और जाति पूछकर निर्दोषों को मार रहा है – यह अमानवीयता की पराकाष्ठा है। इस हमले में कोई भी हमारे स्थान पर हो सकता था – यह सोचकर ही रूह कांप जाती है।
इस कैंडल मार्च में अग्रवाल समाज की प्रमुख संस्थाओं और उनके पदाधिकारियों की सक्रिय भागीदारी रही।
अग्रवाल सभा से – रामअवतार अग्रवाल, विनोद मित्तल
नवयुवक समिति से – आलोक चौधरी, कपिल टिबड़ेवाल
अन्य प्रमुख समाजजन – शिव अग्रवाल, राजुल जाजोदिया, ओम मोदी, राजेश अग्रवाल, नितिन बेरीवाल, पवन अग्रवाल, चक्कू गोयल, आशीष अग्रवाल, मनोज बेरीवाल, मदन मोहन अग्रवाल, राजकुमार केडिया, सुरेश सिंघल, जीपी मित्तल, संतोष अग्रवाल, अमित अग्रवाल, पुलकित अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, उमेश मुरारका, अमेश बुधिया, नवीन जाजोदिया, अंकुर अग्रवाल, कपिल जाजोदिया, अंशुमन जाजोदिया आदि।
महिला समिति से – अध्यक्षा रंजना अग्रवाल और सचिव वंदना जाजोदिया के नेतृत्व में बड़ी संख्या में महिलाएं श्रद्धांजलि हेतु उपस्थित रहीं।
इस शांति मार्च ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ जनजागरण किया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि समाज संगठित होकर किसी भी संकट का सामना कर सकता है।