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विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी वित्तीय अनियमितता के आरोप में निलंबित, आगे हो सकती है कड़ी कार्रवाई…

रायपुर, 28 अप्रैल 2025।
छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने महासमुंद जिले के पिथौरा विकासखण्ड के शिक्षा अधिकारी के.के. ठाकुर को गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और कर्तव्यहीनता के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। जारी आदेश में कहा गया है कि ठाकुर ने शासन से प्राप्त महत्वपूर्ण वित्तीय संसाधनों का दुरुपयोग किया और अपने पदीय कर्तव्यों में घोर लापरवाही बरती।

जांच रिपोर्ट के अनुसार, ठाकुर ने शासकीय मिडिल स्कूल भगतदेवरी के फोरलेन सड़क परियोजना के मुआवजे स्वरूप प्राप्त ₹16,61,163 की राशि बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के दो वर्षों तक अपने पास रखी। यह आचरण छत्तीसगढ़ वित्तीय संहिता, कोषालय संहिता तथा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 का स्पष्ट उल्लंघन माना गया है।

इतना ही नहीं, ठाकुर ने अवकाश स्वीकृत कराए बिना ही अनुपस्थित अवधि के वेतन का भी आहरण किया, जिससे उनके वित्तीय प्रबंधन पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग गए। शासन ने इसे गंभीर कदाचार मानते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के अंतर्गत तत्काल निलंबन की कार्रवाई की है।

निलंबन अवधि के दौरान ठाकुर का मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, महासमुंद निर्धारित किया गया है। नियमानुसार उन्हें इस अवधि में जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा।

शिक्षा विभाग में लंबे समय से वित्तीय अनियमितताओं को लेकर शिकायतें मिल रही थीं। के.के. ठाकुर के विरुद्ध भी विभिन्न स्तरों से कई शिकायती पत्र शासन को प्राप्त हुए थे। गहन जांच के बाद प्रशासन ने यह कठोर कदम उठाया।
सूत्रों के अनुसार, शासन इस मामले में आगे और भी कड़ी प्रशासनिक तथा विधिक कार्रवाई की तैयारी कर रहा है, जिसमें विभागीय जांच, वसूली और अनुशासनात्मक दंड शामिल हो सकते हैं।

इस कार्रवाई की सूचना मुख्यमंत्री कार्यालय, लोक शिक्षण संचालनालय, महासमुंद कलेक्टर कार्यालय तथा संभागीय संयुक्त संचालक (शिक्षा) रायपुर को भी भेज दी गई है, जिससे आगे की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।

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