बिलासपुर, छत्तीसगढ़।
पूर्व थाना प्रभारी (टीआई) कलीम खान के खिलाफ लगे दैहिक शोषण के गंभीर आरोपों को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस की उच्च स्तरीय जांच रिपोर्ट सामने आई है। एसएसपी रजनेश सिंह ने इस मामले में अपनी स्पष्ट प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जांच के दौरान पीड़िता द्वारा किसी भी प्रकार के दैहिक शोषण की बात से साफ इनकार किया गया है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में लगाए गए आरोप निराधार साबित हुए हैं और कलीम खान को जांच में निर्दोष पाया गया है।
जांच रिपोर्ट में कोई साक्ष्य नहीं मिला
एसएसपी के अनुसार, एडिशनल एसपी अर्चना झा द्वारा की गई विस्तृत जांच में पीड़िता के बयान लिए गए, जिनमें उसने स्पष्ट रूप से दैहिक शोषण की किसी भी घटना से इंकार किया। रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि शिकायत में लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हो पाई और न ही इस संबंध में कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रमाण प्राप्त हुआ।
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प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के तहत दी गई सफाई का मौका
एसएसपी रजनेश सिंह ने बताया कि जांच प्रक्रिया के दौरान कलीम खान को अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया गया। रिपोर्ट में दोनों पक्षों की बातों को गंभीरता से सुना गया और निष्पक्ष रूप से तथ्यों का मूल्यांकन किया गया। एसएसपी ने कहा कि “चारित्रिक लांछन लगाना आसान होता है, लेकिन इसके दुष्परिणाम व्यक्ति और उसके परिजनों को झेलने पड़ते हैं।”
मीडिया ट्रायल की भूमिका पर सवाल
एसएसपी ने मीडिया की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि कई मीडिया संस्थानों ने जांच पूरी होने से पहले ही इस मामले को सनसनीखेज तरीके से पेश किया, जिससे कलीम खान की छवि धूमिल हुई। उन्होंने कहा कि यह मामला मीडिया ट्रायल का एक उदाहरण बन गया है, जहां जांच से पूर्व ही पूर्व टीआई को दोषी मान लिया गया।
अन्य विवादों से भी जुड़ा रहा मामला
गौरतलब है कि कलीम खान पर धोखाधड़ी के आरोपी को बिना अनुमति पुलिस कस्टडी में रखने और उच्च अधिकारियों की अनुमति के बिना हवाई यात्रा करने जैसे आरोप भी लगे थे। हालांकि, इस रिपोर्ट में मुख्य फोकस दैहिक शोषण की शिकायत पर था, जो जांच में निराधार सिद्ध हुई।