बिलासपुर, रामा मैग्नेटो मॉल के पार्किंग क्षेत्र में शनिवार को एक घटना ने सुरक्षा एजेंसियों की लापरवाही को उजागर कर दिया। दरअसल, बी.आई.एस. सिक्योरिटी सर्विसेज में कार्यरत सुरक्षा गार्ड जीवन कुमार डहरिया द्वारा पुलिस विभाग के वाहन चालक और गनमैन के साथ अभद्र व्यवहार एवं वाद-विवाद किए जाने का मामला सामने आया है।
जानकारी के अनुसार, घटना उस समय हुई जब पुलिस विभाग का वाहन चालक विभागीय गाड़ी को मॉल की पार्किंग में खड़ा कर रहा था। उसी दौरान तैनात गार्ड जीवन डहरिया ने न केवल चालक और गनमैन के साथ दुर्व्यवहार किया, बल्कि वहां मौजूद अन्य नागरिकों के साथ भी अनुचित व्यवहार करता पाया गया।
जब मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने स्थिति को शांत कराने का प्रयास किया, तो गार्ड ने और अधिक हुज्जतबाजी करते हुए विवाद को बढ़ा दिया। तत्काल घटना की सूचना थाना सिविल लाइन को दी गई, जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और संबंधित सुरक्षा एजेंसी के हेड मैनेजर से सम्पर्क कर विस्तृत जानकारी साझा की।
तीन पुराने आपराधिक मामले उजागर
प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आया कि जीवन कुमार डहरिया, निवासी ग्राम झाल, थाना बिल्हा, को बी.आई.एस. सिक्योरिटी सर्विसेज द्वारा बिना चरित्र सत्यापन के नौकरी पर रखा गया था। आगे की जांच में उसके विरुद्ध पूर्व में दर्ज तीन आपराधिक प्रकरणों की पुष्टि हुई —
- थाना बिल्हा (20 जनवरी 2016) – जुआ खेलने एवं खिलवाने का मामला।
- थाना बिल्हा (20 फरवरी 2024) – मारपीट का मामला, जिसमें धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़ी गई थी।
- थाना बिल्हा (27 मार्च 2024) – बल्वा एवं सार्वजनिक मार्ग अवरुद्ध करने का मामला।
वीडियो से भटकाने की कोशिश
घटना के बाद गार्ड जीवन डहरिया ने सोशल मीडिया पर एक भ्रामक वीडियो प्रसारित करते हुए थाना सिविल लाइन के कर्मचारियों पर निराधार आरोप लगाए। पुलिस ने इस वीडियो को तथ्यों से परे और स्वयं को बचाने की कोशिश बताया है। जांच अधिकारियों का कहना है कि आरोपी द्वारा यह वीडियो अपने आपराधिक इतिहास से ध्यान भटकाने का प्रयास प्रतीत होता है।
सिक्योरिटी एजेंसी पर भी गिरी गाज
थाना सिविल लाइन पुलिस ने सभी तथ्यों की पुष्टि के बाद आरोपी गार्ड के विरुद्ध प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की है। साथ ही, बिना चरित्र सत्यापन के हथियारबंद गार्ड की तैनाती को लेकर बी.आई.एस. सिक्योरिटी सर्विसेज के विरुद्ध भी पृथक नोटिस जारी कर कार्रवाई प्रारंभ की गई है।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक स्थानों, विशेषकर मॉल या अन्य भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती से पूर्व उनका चरित्र सत्यापन अनिवार्य है। इस नियम का उल्लंघन जनसुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।


