रायपुर। पंचायतों के सशक्तिकरण और विभागीय योजनाओं को लागू करने में सूचना और संचार तकनीक ICT – Information & Communication Technology के प्रभावी उपयोग के लिए छत्तीसगढ़ का चयन भारत सरकार के पंचायतीराज मंत्रालय ने ई-पंचायत पुरस्कार के लिए किया है। आईसीटी के इस्तेमाल में प्रदेश को पूरे देश में तीसरा स्थान मिला है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने इस उपलब्धि के लिए पूरे विभागीय अमले को बधाई दी है।
उल्लेखनीय है प्रदेश में ग्राम पंचायतों की नेटवर्किंग, योजनाओं को लागू करने और उनकी मॉनिटरिंग में कम्प्यूटर तथा सूचना और संचार तकनीक का सफलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है। पंचायत विभाग के कार्यों में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही लाने के लिए इन तकनीकों का व्यापक इस्तेमाल किया जा रहा है। केन्द्र सरकार के पंचायतीराज मंत्रालय ने आईसीटी के द्वारा ग्रामीण अंचलों में स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने के छत्तीसगढ़ शासन की कोशिशों की भरपूर सराहना की है। मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि छत्तीसगढ़ इस कार्य को आगे बढ़ाएगा और इस पुरस्कार से विभागीय अमला पंचायतीराज संस्थाओं के सशक्तिकरण के लिए ई-गवर्नेन्स की गतिविधियों को और अधिक जोर-शोर से संचालित करने को प्रेरित होगा।
इसलिए मिला छत्तीसगढ़ को पुरस्कार
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में ई-पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायतों की मूलभूत सेवाओं और कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए 11 कोर एप्लीकेशन का उपयोग किया जा रहा है। इसके तहत सभी ग्राम पंचायतों को एक यूनिक कोड प्रदान किया गया है। चालू वित्तीय वर्ष के लिए प्रदेश के सभी 10 हजार 978 ग्राम पंचायतों के ग्राम विकास योजना की एंट्री प्लान प्लस सॉफ्टवेयर में की गई है। इसी तरह प्रियासॉफ्ट के अंतर्गत ग्राम पंचायतों के वर्ष 2017-18 का कैशबुक बंद करने का काम भी निर्धारित समयावधि में विभाग ने सफलतापूर्वक किया है।
एम-एक्शन सॉफ्टवेयर की मदद से 14वें वित्त आयोग की राशि से पंचायतों में कराए गए कार्यों की जियोटैगिंग की गई है। इसके लिए 90 फीसदी पंचायतों को ऑनबोर्ड कर 48 हजार 427 कार्यों का जियोटैगिंग फोटो अपलोड किया गया है। पंचायत संचालनालय द्वारा जारी सूचनाओं और निर्देशों को पंचायतें देख सकें, इसके लिए वेबसाइट भी बनाई गई है। वेबसाइट के जरिए गांव का कोई भी आदमी अपनी पंचायत द्वारा किए गए कार्यों को देख सकता है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव के मार्गदर्शन, अपर मुख्य सचिव आर.पी. मंडल व संचालक जितेन्द्र शुक्ला की मॉनिटरिंग और विभागीय अमले की लगातार कोशिशों से विभाग ने यह उपलब्धि हासिल की है।