एक बकरी की मौत की कीमत एक कंपनी को इतना भारी पड़ा है, जिसका अंदाजा भी आप नहीं लगा सकते। ओडिशा में एक सड़क दुर्घटना में एक बकरी की मौत को लेकर हुए आंदोलन के कारण महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) को 2.68 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। एमसीएल ने एक बयान में यह जानकारी देते हुए बताया गया कि एक कोयला परिवहन टिपर (डंपर) की चपेट में आने से एक बकरी की मौत हो गई थी। बकरी की मौत के लिए स्थानीय निवासियों ने 60 हजार रुपये के मुआवजे की मांग की।
बयान में कहा गया है कि इस मांग को लेकर एक पड़ोसी गांव के कुछ निवासियों की भीड़ ने तालचेर कोयला क्षेत्र में सोमवार की सुबह 11 बजे से कोयला परिवहन के काम को रोक दिया। इसमें कहा गया है कि वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद अपराह्र दो बजकर 30 मिनट पर काम फिर से शुरू हो सका। काम बाधित होने के कारण एमसीएल को 2.68 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ। इस काम के रुकने से सरकारी खजाने को भी 46 लाख रुपये का नुकसान हुआ।
दरअसल, घटना सोमवार की है। कोयला लादकर लाने वाली गाड़ी (टिप्पर) से टकराकर एक बकरी की मौत हो गई, जिसके बाद स्थानीय लोग भड़क गए और बकरी की मौत से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 60 हजार रुपये की मांग करने लगे। निषिद्ध खनन क्षेत्र में हुई बकरी की मौत के बाद चटिया हर्टिंग्स गांव के कुछ लोगों ने हंगामा किया।
बयान में आगे कहा गया कि सोमवार सुबह तालचेर कोलफील्ड्स के जगन्नाथ सिडिंग्स 1 और 2 का कार्य लोगों ने बलपूर्वक रुकवा लिया। जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ही अपराह्न 2.3० बजे ही कार्य पुन: प्रारंभ हो सका। एमसीएल ने बयान में कहा कि तीन और एक आंधे घंटे से भी अधिक समय तक काम रोके जाने से कंपनी को 1.4 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। वहीं रेलवे के माध्यम से डिस्पैच पर 1.28 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।
इसमें कहा गया कि इस अभूतपूर्व ठहराव के कारण सरकार को भी 46 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। कंपनी ने स्थानीय पुलिस में अवैध बाधा उत्पन्न करने को लेकर लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है। सामान्य आवाजाही के लिए खदान क्षेत्रों में प्रवेश पूरी तरह से निषिद्ध है। यहां वहीं लोग आ सकते हैं, जिन्हें अधिकार दिया गया हो, या जो यहां कार्य करते हो या प्रशिक्षित हो।