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इस राज्य में होती है कुत्ते की पूजा, जानिए कहां है कुकुरमंदिर

आपने कई तरह के मंदिरों के बारे में सुना होगा। यदि आप से कहा जाए कि एक ऐसी जगह भी जहां कुत्ते का मंदिर है और वहां के लोग कुत्ते की पूजा करते है तो शायद आपको इस बात का विश्वास नहीं होगा। पर ये सच है, दरअसल ये मंदिर छत्तीसगढ़  के दुर्ग जिले के खपरी गांव में’कुकुरदेव’का बहुत प्रचीन मंदिर स्तिथ है

आइए जानते है कि आखिर क्या है इस मंदिर की कहानी…… क्या है इसकी कहानी मान्यता है कि एक बंजारा था जिसने अपना कुत्ता एक साहूकार के यहां गिरवी रखा था। क्यूंकि उस गांव में अकाल पड़ा था और बंजारे के पास पैसे की तंगी थी। एक बार साहूकार के यहां चोरी हो गई और चोरों ने लूटा हुआ माल एक जगह छिपा दिया और भाग गए। कुत्ते ने लूटा हुआ माल ढ़ूढ़ निकाला।

इस बात से खुश होकर साहूकार ने वो कुत्ता बिना पैसे लिए बंजारे को देने का विचार बनाया और एक चिट्ठी लिखकर कुत्ते के गले में टांगी और बंजारे के पास भेज दिया। गुस्से में बंजारे ने कुत्ते को मार दिया बंजारे ने कुत्ते को जब घर आते देखा तो गुस्से में उसे लाठी और डंडे से पीट-पीट कर मार डाला। बाद में जब बंजारे ने गले में लटकी चिट्ठी पढ़ी तो बहुत पछताया। बंजारे ने अपने प्रिय वफादार कुत्ते की वहां समाधि बना दी। आज वही जगह कुकुरमंदिर के नाम से जानी जाती है।

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