रायपुर: राजस्थान में रविवार को हुए सियासी ड्रामे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की छवि को काफी नुकसान पहुंचाया है। पार्टी ने सबसे कद्दावर और अनुभवी माने जाने वाले अशोक गहलोत के खिलाफ अब कांग्रेस के अंदर से ही आवाजें उठने लगी हैं। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव ने कहा कि, जो अपने MLA नहीं संभाल सकता वह कांग्रेस क्या संभालेगा?
जयपुर घटनाक्रम पर बात करते हुए छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव ने कहा कि, मुझे लगता है कि गहलोत अपना नैतिक आधार खो चुके हैं। जो व्यक्ति (अशोक गहलोत) अपने विधायकों को नहीं संभाल सकता, वह कांग्रेस को कैसे संभालेगा? अगर उनके राज्य के विधायक उनकी नहीं सुनते हैं, तो पार्टी के नेता कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनकी बात कैसे मानेंगे?
उन्होंने कहा, राजस्थान का घटनाक्रम अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। राजस्थान के नाराज विधायकों द्वारा पर्यवेक्षकों की बैठक ना आने की घटना का जिक्र करते हुए सिंहदेव ने कहा, यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे हम दशकों से देख रहे हैं। पर्यवेक्षकों को अलग-अलग विधायकों से मिलने के लिए भेजा जाता है। जहां एक संयुक्त बैठक होती है।बैठक के बाद प्रस्ताव को मंजूरी दी जाती है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि, अंतिम निर्णय आलाकमान को सौंपने के बाद ही निष्कर्ष पर पहुंचा जाता है। हम बच्चे नहीं हैं। हम स्कूल या कॉलेज से नहीं आ रहे हैं। हम वर्षों से राजनीति में हैं। इसलिए इसे तोड़ने की कोशिश करना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है।
विधायक दल की बैठक के लिए बतौर पर्यवेक्षक
जयपुर गए अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूरे घटनाक्रम को लेकर विस्तृत रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी है। जिसके बाद एके एंटनी की अगुवाई वाली अनुशासनात्मक समिति ने अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले धर्मेंद्र राठौर, शांति धारीवाल और महेश जोशी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 10 दिन में जवाब देने के लिए कहा है।