होशियार!!!कोई और तो नहीं चला रहा आपका मोबाइल, सुरक्षा के लिए जरूरी हैं ये बातें
होशियार!!!कोई और तो नहीं चला रहा आपका मोबाइल, सुरक्षा के लिए जरूरी हैं ये बातें
ताज़ख़बर36गढ़-
साइबर विशेषज्ञ अनुज अग्रवाल के अनुसार, हमारी निजी जिंदगी में आज सबसे बड़ा खतरा स्मार्ट मोबाइल ही हैं। मोबाइल हर वक्त हमारे साथ होता है। मोबाइल में बैंक से लेकर सभी तरह के राज और कई गोपनीय चीजें मौजूद रहती हैं। ऐसे में ऐप के जरिए आपका मोबाइल हैकर के रिमोट एक्सेस पर जा सकता है। मतलब मोबाइल आपके हाथ में होगा, लेकिन उसे दुनिया के किसी कोने में बैठा हैकर चला रहा होगा।
यूपी एसटीएफ के एसपी और साइबर मामलों के विशेषज्ञ डॉ. त्रिवेणी सिंह के अनुसार, अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं, जब किसी युवती की अश्लील फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी जाती है। ऐसे ज्यादातर मामलों में हैकर युवती के मोबाइल से या उसके सोशल मीडिया आदि से फोटो लेकर उसे एडिट करते हैं और फिर सोशल मीडिया पर वायरल कर देते हैं। डॉ. त्रिवेणी सिंह के अनुसार यदि हम कोई गेमिंग ऐप डाउनलोड कर रहे हैं तो उस ऐप को मोबाइल के मैसेज, कैमरा और कांटैक्ट आदि देखने की अनुमति क्यों चाहिए। यह खतरे की पहली घंटी है।
भरोसेमंद एंटी वायरस का प्रयोग करें
साइबर विशेषज्ञ किसलय चौधरी के अनुसार, मोबाइल को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि हम भरोसेमंद एंटी वायरस का प्रयोग करें। ऑनलाइन या ऐप के तौर पर मुफ्त मिलने वाले ज्यादातर एंटी वायरस किसी काम के नहीं होते हैं। अलग-अलग मोबाइल में अलग-अलग सिक्योरिटी फीचर होते हैं। अपनी जरूरत के अनुरूप सिक्योरिटी फीचर को ऑन रखें।
जनवरी 2018 में क्विक हील सिक्योरिटी कंपनी द्वारा जारी एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत सहित दुनिया के करीब 232 मोबाइल बैंकिंग ऐप पर एक खतरनाक मैलवेयर वायरस ने अटैक किया था। इसका नाम एंड्रायड डॉट बैंकर डॉट ए9480 है। इस मैलवेयर ने भारत में आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, एसबीआई बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक के कई ऐप को निशाना बनाया था।
इसने बिट क्वानियम, क्वाइन पेमेंट और बिट फिनेक्स जैसी 20 से अधिक क्रिप्टो करंसी ऐप को भी प्रभावित किया था। ये मैलवेयर सिस्टम के बैक ग्राउंड में काम करता है, जिसका पता यूजर को नहीं चलता है। बैक ग्राउंड में काम करते हुए ये मैलवेयर आपके मोबाइल में इंस्टॉल बैंकिंग ऐप तलाशता है। मोबाइल बैकिंग ऐप मिलते ही मैलवेयर यूजर को एक नोटिफिकेशन भेजता है जो वास्तविक ऐप द्वारा भेजे गए नोटिफिकेशन से मिलता-जुलता प्रतीत होता है। नोटिफिकेशन खोलते ही ये मैलवेयर संबंधित मोबाइल बैकिंग ऐप की जानकारी चोरी करने लगता है। ये वायरस बैंक द्वारा आपके मोबाइल पर भेजे गए ओटीपी को भी पढ़कर हैकर तक पहुंचा सकता है।
क्या होता है मैलवेयर वायरस
मैलवेयर वायरस एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है, जिसे हैकर कंप्यूटर, टैबलेट या मोबाइल आदि से गोपनीय जानकारी चोरी करने के लिए डिजाइन करते हैं। इससे आपकी फोटो, वीडियो, एसएमएस, चैटिंग सहित बैंक अकाउंट से जुड़ी गोपनीय जानकारियां भी हैकर तक पहुंच सकती हैं। ये वायरस किसी ऐप या अनचाहे लिंक के जरिए आपके मोबाइल तक पहुंच सकता है। दिसंबर 2017 में भारतीय खुफिया एजेंसियों ने 42 चाइनीज मोबाइल एप को खतरनाक घोषित किया था, जो आपके मोबाइल की जासूसी करते हैं।
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सुरक्षा के लिए ये बातें जरूरी
– मोबाइल यूजर को थर्ड पार्टी ऐप स्टोर या एसएमएस केजरिए भेजे गए लिंक से ऐप डाउनलोड नहीं करना चाहिए।
– कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले उसका विस्तृत रिव्यू जरूर देखें।
– ऐसे ऐप डाउनलोड करने से बचें, जो गैर संबंधित अनुमति मांगते हैं। मसलन किसी सामान्य गेम ऐप को आपके कैमरे, गैलरी, कॉन्टेक्ट लिस्ट व चैट आदि देखने की अनुमति नहीं होनी चाहिए।
– डाउनलोड किए गए जिन ऐप का नियमित प्रयोग न हो उन्हें अनइंस्टॉल कर दें।