बिलासपुर। विकास को तरसता बिलासपुर अधूरे शहर की अधूरी कहानी अभियान के अंतर्गत पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने अधूरी सीवरेज परियोजना के विरोध में शनिचरी में निर्माणाधीन ज्वाली कुआं पंपिंग स्टेशन के समीप धरना देते हुए कहा कि- जनता की सुविधा हर जनप्रतिनिधि की प्राथमिकता होती है, जनहित मे राजनीतिक लाभ की सोच बाधा नही होनी चाहिए।
बढ़ते शहरीकरण के आधुनिक दौर में नगरीय नियोजन के मद्देनजर सीवरेज ट्रीटमेंट हर शहर के लिए अनिवार्य अंग है, प्राथमिक आवश्यकता है। 2003 में भाजपा की सरकार बनी, उस समय भावी पीढ़ी की आवश्यकताओं को देखते हुए सीवरेज परियोजना की संकल्पना हेतु प्रयास आरंभ किए गए। 307 करोड़ रुपए की लागत से शहर के 80% इलाके में तीन लाख 29 हजार आबादी को लाभान्वित करने के सीवरेज परियोजना स्वीकृति दिलाई गई। अमर अग्रवाल ने कहा आजादी के बाद सात दशकों में बिलासपुर के विकास के लिए राशि भी नहीं मिली हमने 300 करोड़ की योजना भाजपा सरकार बनते ही स्वीकृत कराई। शहर विकास से संबंधित जारी सीवरेज एवं अन्य परियोजना कार्यो से ही स्मार्ट सिटी के लिए 100 शहरों में बिलासपुर का चयन हुआ जिसके लिए 4000 करोड़ रुपए शहर विकास के लिए आए।
अमृत मिशन के लिए 300 करोड़ रुपए आए। सड़क बिजली पानी की मूलभूत आवश्यकता सतत सुलभ कराने के बावजूद अरबन मॉर्डनाइजेशन के मानकों में बिलासपुर को आगे लाने के लिए नए नए प्रोजेक्ट आरम्भ कराए गए, जिसके परिणाम आम जनता को दिखाई देते हैं, हमारी सरकार के समय तेजी से जारी कार्यो से बहुत दिनों बाद आने वाले लोगों को बिलासपुर कायाकल्प का विकास दिखाई देता था। सीवरेज पूर्ण होने से रोगों की रोक-थाम एवं पर्यावरण संरक्षा, मच्छर मुक्त शहर, मल-जल की निकासी, जलभराव की समस्या से मुक्ति, दूषित जल का उपचार, कृषि और बागवानी के खाद निर्माण आदि लाभ हो सकेंगे। डर्क वालथर (जर्मन विशेषज्ञ) ने कहा शहरी क्षेत्रों में मलजल अनेक रोगों का कारक होता है। पैरिस तथा कोलकाता में गंभीर समस्या एवं क्षति होने के बाद ही भूमिगत सीवरेज लगभग 150 वर्ष पूर्व प्रारंभ किया गया था। बिलासपुर में समय रहते हुए पहल प्रारंभ की गई है।
अमर अग्रवाल ने कहा 2008-09 के दौरान भूमिगत अंडरग्राउंड सीवरेज परियोजना भुवनेश्वर, बनारस, इंदौर, जबलपुर, भोपाल के साथ बिलासपुर में आरम्भ हुई। सभी जगह कार्य पूर्ण करने की अवधि 2 से 4 वर्ष की रखी गई थी। बढ़ते शहरीकरण घनी आबादी, सुनियोजित सर्वे कार्य है, प्रोजेक्ट का सुचारू क्रियान्वयन, संसाधनों की व्यवस्था की व्यवस्था और भू अर्जन की समस्या आदि तात्कालिक और दीर्घकालिक चुनौतियों का निराकरण करने में बड़ी परियोजनाओं में समय साध्य होने के साथ एवं लागत भी बढ़ती है। 2006-07 में तेजी से काम चल रहा था लेकिन2008-09 में नगर निगम में कांग्रेस की सरकार बनने पर सीवरेज विरोधी एजेंडा चलाया गया,कांग्रेस की तत्तकालीन महापौर में जनता की आवश्यकता को तात्कालिक लाभ की दृष्टि से इसे चुनावी रंग देने की कोशिश की, जनता ने उन्हें विधानसभा चुनाव में बाहर का रास्ता दिखा दिया लेकिन 2013-14 तक सीवरेज का सर्वाधिक काम बाधित रहा। उसके बाद भी फेस वन के काम को पूरा कराया गया।
बावजूद इसके छत्तीसगढ़ का पहला भूमिगत सीवरेज पाईप लाईन एवं सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पहले चरण का उद्घाटन मा. मुख्यमंत्री जी द्वारा 13 अप्रैल 2013 द्वारा किया गया।इसमें 50 करोड़ का काम हुआ 56 किलोमीटर लंबी लाइन बिछी, एक नग सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया, राजकिशोर नगर सरकंडा, जबडापारा वार्ड क्रमांक 40 और 48 चिंगराजपारा इलाकों के 5000 घरों में सीवरेज कनेक्शन किया गया।योजना अन्तर्गत 267 किलोमीटर सीवर लाइन की लंबाई, 54 और 17 एमएलडी के दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, 24575 घरों में सीवरेज कनेक्शन दिया जाना है।
2014 के समय वार्ड पंपिंग स्टेशन के लिए भू अर्जन की समस्या को लेकर समय लगा और परियोजनाओं को लेकर भ्रामक प्रचार और तत्कालिक विरोध का खामियाजा भी हमने उठाया है। अनेक लोग कहते थे जब लोग नहीं चाहते तो आपको भी चुनावी लाभ ले लिए जरूरी काम करना चाहिए लेकिन भावी पीढ़ी की आवश्यकता को देखते हुए तात्कालिक नुकसान और तमाम आरोप प्रत्यारोप का सामना करते हुए 90% काम कराया लिया था लेकिन 2019 से 5 साल में बहुप्रतीक्षित परियोजना का 10% काम भी कांग्रेस की सरकार ने नहीं पूरा करा सकी है।
जनता से जताया खेद: अमर अग्रवाल ने कहा योजना भाजपा के समय लाई पूरी जिम्मेदारी के साथ जनता को ही पीड़ा के तात्कालिक पीड़ा व विलम्ब लिए संकल्पबद्व क्षमा प्रार्थी हु, आने वाले दिनों में जब भाजपा की सरकार आएगी तो डेढ़ वर्षो के अंदर शेष काम को पूरा कर आएंगे और तीन सालों में लोगों को इसका वास्तविक लाभ सामने दिखाई देने लगेगा लेकिन 10 सालो में 90% काम हमने कराया, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के क्यों नहीं बताती पांच सालों में शेष काम भी पूरा क्यों नहीं करा सके।
जांच के लिए दी चुनौती: अमर अग्रवाल ने कहा परियोजना सर्वे और क्रियान्वयन अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के माध्यम से कराया, कोई लोकल एजेंसी नही थी लेकिन कभी सड़क में गड्ढों के नाम पर कभी पुनर्वास के नाम पर, कभी कोई बहाना निकाल कर कांग्रेस के लोग प्रसव पीड़ा में बाधा डालते रहें जब अपनी बारी आई तो आवाज नही निकल रही हैं।ठेका कंपनी सरकारी फंड से राशि का भुगतान किया गया है। साढ़े तीन साल के दौरान राज्य सरकार ने कंपनी को 13 करोड़ 41 लाख स्र्पये का भुगतान किया है। अचरज की बात ये कि जिन-जिन मदों में फंड दिया गया है, वे सभी कार्य अधूरे पड़े हैं।यह बात नगरीय प्रशासन मंत्री डा. शिव डहरिया ने विधानसभा को बताया है कि एक जनवरी 2019 से 31 जनवरी 2022 के बीच राशि ठेका कंपनी को दी गई है।
उन्होंने कहा भ्रामक बाते करके बहाना बनाने वाले शहर के विधायक सीवरेज परियोजना बिलासपुर में पूरी तरह से फेल होने और जांच की बात उठाते है, कांग्रेस की सरकार को इसकी जांच करानी थी और दोषियों को सजा देनी थी लेकिन वे तो प्रोजेक्ट को एक्सटेंशन दे रहे हैं, अर्नेस्ट मनी रिलीज कर रहे हैं ठेकेदार का भुगतान कर रहे हैं, लेकिन शेष काम पूरा नही कर रहे है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक मार्च 2019 को मेयर और आयुक्त को बुलवाकर सीवरेज प्रोजेक्ट को साल भर में पूरा करने और उसका लाभ आम जनता को दिलाने के निर्देश दिए थे। लेकिन, चार साल बाद भी उनके आदेश पर अमल नहीं हो सका है। भरोसा नही केवल झांसेबाजी है?अमर अग्रवाल ने कहा कांग्रेस में काम पूरा कराने की नीयत नहीं है शेष बचा काम भी आने वाले समय में भाजपा सरकार के समय पूरा कराया जाएगा।
आज के धरना प्रदर्शन में भाजपा जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष जयश्री चौकसे,अरविंद बोलर, विनोद सोनी, प्रवीर सेन, प्रवीण दुबे, विजय ताम्रकार, बंधु मौर्य, मनीष अग्रवाल, कृष्ण मोहन पांडे, दुर्गा सोनी, संतोषी देवांगन, कंचन दुसेजा, दीपा शर्मा, शोभा कश्यप, रजनी यादव, संध्या चौधरी, मंजुला सिंह, संध्या सिंह, रीना गोस्वामी, मीना विश्वकर्मा, दीपशिखा यादव, आशीष मिश्रा, सुकांत तिवारी, अमरदीप बोलर, रोहित मिश्रा, अंकित पाठक, रवि दुबे, अभिषेक गौतम, मनीष कश्यप, अमित सिंह, सुबोध खण्डेलवाल, शैलेन्द्र यादव, दीपक साहू, विश्वजीत ताम्रकार, आलोक वर्मा, सानूल खान, हेमंत सोनी, आनंद दुबे सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एवं आम नागरिक उपस्थित रहे।