छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में हाल ही में एक बड़ी कार्रवाई ने राज्य में राशन माफियाओं के खिलाफ सख्त संदेश दिया है। वन मंत्री और जिला के प्रभारी मंत्री केदार कश्यप के निर्देश पर, सुकमा जिला प्रशासन ने ग्रामीणों के हक का राशन लूटने वाले माफियाओं के खिलाफ त्वरित कदम उठाया। चिंतलनार इलाके के ग्रामीणों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि उन्हें केंद्र और राज्य सरकार द्वारा मुफ्त में दिए जाने वाले राशन का लाभ नहीं मिल रहा है। इसके पीछे राशन माफियाओं का हाथ होने का संदेह था, जो गरीबों के हिस्से का अनाज गबन कर रहे थे।
चिंतलनार के ग्रामीणों की शिकायतें प्रशासन तक पहुंचने के बाद वन मंत्री केदार कश्यप ने इस मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने तुरंत सुकमा कलेक्टर को इस दिशा में कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके परिणामस्वरूप, जिला प्रशासन ने छापेमारी अभियान चलाया और बड़ी मात्रा में अमानक खाद्यान्न जब्त किया। इस दौरान दो सेल्समैन, विजय हेमला और भीमसेन वेट्टी, को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। साथ ही, अन्य फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
मंत्री केदार कश्यप ने इस कार्रवाई के बाद बयान देते हुए स्पष्ट किया कि राज्य सरकार गरीबों के कल्याण के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार सुशासन और पारदर्शिता के सिद्धांतों पर कार्य कर रही है, और गरीबों के अधिकारों की रक्षा के लिए किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “जो भी लोग गरीबों का हक छीनने की कोशिश करेंगे, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। गरीबों के पेट का निवाला छीनने वाले माफियाओं के लिए छत्तीसगढ़ में कोई जगह नहीं है।”
इस कार्रवाई का संदेश साफ है कि सरकार गरीबों के राशन के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं करेगी। यह कदम राज्य में राशन माफियाओं के लिए एक कड़ा संदेश है और अन्य जिलों के लिए भी उदाहरण है कि गरीबों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रशासन और सरकार दोनों ही सतर्क हैं। यह कार्रवाई न केवल प्रशासनिक कुशलता का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सरकार गरीबों के प्रति संवेदनशील और उनके हक की रक्षा करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
छत्तीसगढ़ में राशन माफियाओं के खिलाफ की गई यह कार्रवाई राज्य में गरीबों के अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल प्रशासनिक प्रतिबद्धता का परिचायक है, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार गरीबों के कल्याण के प्रति कोई समझौता नहीं करेगी। आने वाले दिनों में इस तरह की और भी कार्रवाईयों की संभावना है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य के प्रत्येक गरीब को उनका हक और उनका राशन सही समय पर और सही मात्रा में मिले।